सोनभद्र। जलाल हैदर खान
देश को आजाद होने के बाद काफी विकास हुआ है, फिर भी काफी कार्य विकास व जन कल्याणकारी कार्य किये जाने हैं, देश के आजादी दिलाने वाले अमर शहीदों के प्रति सच्ची श्र्रद्धांजलि के लिए जो जिस पद पर है पूरी ईमानदारी निष्ठा के साथ कार्य करें, यहीं सबसे बड़ी देश को आजाद कराने वाले वीर सपूतो के सच्ची श्रद्धाजलि होगा। बेहतर सोचने के साथ ही बेहतर कार्य को करना एक चुनौतीपूर्ण कार्य है। जिसे एक अच्छे नागरिक के रूप में अमल में लाया जाय। गाॅधी जी के स्वच्छता के विचारों को आत्मसात करने के लिए
व्यक्तिगत सफाई के साथ ही सामुदायिक सफाई के साथ ही सादा जीवन उच्च विचार पर जोर दिया जाय। कोविड-19 के दौरान संक्रमण से बचते हुए विकास के पद पर आगे बढ़ा जाय। अपर जिलाधिकारी राकेश सिंह ने गांधी जयन्ती समारोह के मौके पर उक्त बातें कही ।
अपर जिलाधिकारी राकेश सिंह ने मौके पर मौजूद अधिकारियों एवं कर्मचारियों का आह्वान किया कि वे जिस पद पर जहां कार्यरत
हैं पूरी तत्परता के साथ कोविड- 19 के संक्रमण से बचते हुए अपने कार्योेंं को करते रहें। उन्होंने कहा कि गाॅधी जी के जीवन मूल्यों का मूल आधार सत्य एवं अहिंसा रहा, उन्होंने सादा जीवन उच्च विचार को अपनाया, अहिंसा का पालन करना एक बहुत बड़ी मुश्किल का काम है, गाॅधी जी ने ब्रिटिश हुकुमत
के व्यवस्थाओं का विरोध किया और सफल भी हुए। उनके जीवन मूल्यों का पूरे दुनिया आत्मसात करने की कोशिश करते हुए गाॅधी जी की तारीफ करते हैं। उन्होंने कमजोर वर्गों के भलाई के लिए हमेशा कोशिश करते रहे हैं। एडीएम राकेश सिंह ने राष्ट्रपिता गांधी जी व पूर्व प्रधानमंत्री स्व0 लाल बहादुर शास्त्री के चित्र का अनावरण करते हुए माल्यार्पण
किया। उन्होंने कलेक्ट्रेट में स्थापित गांधी जी के प्रतिमा पर
भी माल्यार्पण किया। इस मौके पर गाॅधी जी के प्रिय भजन का भी स्मरण किया गया। अपर जिलाधिकारी द्वारा स्वतंत्रता संग्राम सेनानी की जीवित धर्मपत्नी श्रीमती सुमित्रा देवी के पुत्र श्री चन्द्रकान्त शर्मा को माल्यार्पण कर अंग वस्त्रम् व स्मृतिचिन्ह देकर सम्मानित किया। इस मौके पर डिप्टी कलेक्टर प्रकाश चन्द्र, जिला सूचना विज्ञान अधिकारी अनिल कुमार गुप्ता, जिला अभिहित अधिकारी संजय सिंह, सहायक जिला निर्वाचन अधिकारी जगरूप सिंह पटेल, ओएसडी अमर पाल गिरि, राजीव शुक्ला, ओंकारनाथ यादव, प्रशासनिक अधिकारी रामलाल यादव, चन्द्रकान्त शर्मा, छविन्द्र मौर्या, इसरार अहमद खाॅ, फूलचन्द्र, सुरेश पाठक, अमूल वर्मा, गिरिजा शंकर आदि मौजूद रहे। संचालन सुरेश पाठक ने किया।