…तो पढ़ते समय बच्चों को नहीं आएगी कभी नींद

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वाराणसी। अर्पणा पांडेय

अगर आपका बच्चा भी पढ़ते समय नींद लेने लगता है और लाख प्रयास के बाद भी उसकी नींद नहीं टूटती है तो आप कुछ बेहतर नियमों का पालन करने को उसे प्रेरित कर सकती हैं। इससे उसकी नींद दूर हो जाएगी साथ ही पढ़ने में उसका फोकस भी बढ़ जाएगा।

पढ़ते समय बच्चों को नींद आना कोई नई बात नहीं है। अक्सर पढ़ाई समझ में नहीं आने या उलझन वाले सवाल बोर करने लगते हैं, जिससे नींद आ जाती है। ऐसे में नींद के दूर भगाने के लिए आप बच्चे को कुछ उपाय करने की सलाह दे सकते हैं। इस संबंध में शिक्षा विशेषज्ञों और मनोचिकित्सकों का कहना है कि पढ़ाई के दौरान बैठने की मुद्रा नींद को काफी प्रभावित करती है। सही मुद्रा में नहीं बैठने या आराम की स्थिति में आने से नींद आती है। ऐसे में बच्चे को कुर्सी पर सीधा बैठने के लिए प्रेरित करें। इतना ही नहीं लेटकर या बिस्तर पर पढ़ने से भी नींद जल्दी आती है। ऐसे में हमेशा कुर्सी या जमीन पर बैठकर पढ़ने के लिए प्रेरित करें। विशेषज्ञों का मानना है कि लगातार लंबे समय तक पढ़ने से दिमाग थक जाता है। ऐसे में हर 25-30 मिनट तक लगातार पढ़ने के बाद 5 से 10 मिनट का ब्रेक लें। इस दौरान थोड़ा चल-फिर सकते हैं या स्ट्रेचिंग कर सकते हैं। इससे नींद टूट जाएगी और पढ़ाई में मन भी लगेगा। कई बार बच्चे के पढ़ने के कमरे में पर्याप्त रोशनी नहीं होती है। कम रोशनी में आंखों पर जोर पड़ता है, ऐसे में कमरे में पर्याप्त रोशनी की व्यवस्था करें। हल्की या कम रोशनी में नींद आने की संभावना ज्यादा होती है। इसके बाद भी यदि नींद की समस्या हो तो पढ़ाई के दौरान हल्का व्यायाम करें। मनोचिकित्सकों का कहना है कि नींद का शरीर की सक्रियता से गहरा संबंध है। एक ही अवस्था में बैठे रहने से नींद आने लगती है। यदि
नींद बार-बार आए, तो 2-3 मिनट तक हल्की एक्सरसाइज़ करें। जैसे जंपिंग जैक या तेज़ी से हाथ-पैर हिलाना। इससे शरीर सक्रिय हो जाएगा। इसके अलावा जिस विषय को पढ़ने से नींद आ रही हो उसे बदल दें। इसके अलावा कुछ लिखकर पढ़ने की कोशिश करें। सक्रिय तरीके से पढ़ने से ध्यान बना रहता है और नींद कम आती है। नींद के लिए कमरे का वातावरण भी एक कारण है। पढ़ते समय कमरे की खिड़की खुली रखें। कमरे में ताजी हवा आने दें। बंद कमरों में ऑक्सीजन की कमी से थकान और नींद आ सकती है। इसके बावजूद भी यदि नींद ज़्यादा महसूस हो रही है, तो ठंडे पानी से मुंह धोने से ताजगी महसूस होगी। पढ़ते समय 10-10 मिनट पर हल्का पानी पिएं। खुद को हाइड्रेट रखें। पानी पीने से शरीर तरोताजा रहता है और नींद कम आती है।

ठंडे पानी से मुंह धोएं: अगर नींद ज़्यादा महसूस हो रही है, तो ठंडे पानी से मुंह धोने से ताजगी महसूस होगी।

पढ़ाई का तरीका बदलें: विषय बदल लें या कुछ लिखकर पढ़ने की कोशिश करें। सक्रिय तरीके से पढ़ने से ध्यान बना रहता है और नींद कम आती है।

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