हल्द्वानी। अनीता रावत
अल्मोड़ा जेल में मादक पदार्थ सप्लाई करने वाले गैंग में इंजीनियरिंग और कानून की पढ़ाई करने वाले युवाओं के नाम सामने आने के बाद एसटीएफ हतप्रभ है। मादक पदार्थ के इस अवैध धंधे का सरगना महिपाल पढ़े लिखों युवाओं का उपयोग कर गैंग चला रहा था। अल्मोड़ा जेल में गत दिवस मादक पदार्थ की सप्लाई के बाद एसटीएफ की जांच जारी है। जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहे महिपाल ही इस गैंग का मुख्य कर्ताधर्ता बताया जा रहा है। यही नहीं इस मामले में बागेश्वर के चौड़ा कपकोट निवासी भूपेन्द्र सिंह उर्फ भूप्पी तथा ऋषिकेश की एक महिला संतोष की अहम भूमिका सामने आई है। बताया गया है कि भूप्पी चरस का मुख्य सप्लायर था, जबकि संतोष के पास धंधे से आने वाले पैंसे जमा होते थे। एसटीएफ के प्रभारी अजय सिंह के अनुसार आरोपी सारा कारोबार डिडिटल माध्यम से करते थे।
एसटीएफ से मिली जानकारी के अनुसार अभियुक्त दीपक तिवारी प्रतिष्ठित यूनिवर्सिटी से बीटेक का छात्र है। अंकित बिष्ट माने कॉलेज का विधि स्नातक है। मनीष बिष्ट और संतोष रावत डिप्लोमा होल्डर व एक सरकारी ब्लड बैंक में कार्यरत है। महिपाल ने अंकित बिष्ट के जेल में आने के बाद इस नए धंधे का तानाबान बुना था। अंकित को चरस के साथ कपकोट में पकड़ा गया था। उसे वहां से सप्लायर की जानकारी थी। उसके माध्यम से महिपाल ने भूप्पी तक संपर्क साधा और पूरा माल उसके यानि महिपाल के बताए अनुसार देने के लिए राजी कर लिया। भूप्पी को पेडलर को भेजने का दिन समय और तरीका भी बताया जाता था। पेडलर माल को इस मामले में वांछित अजय गुप्ता तक पहुंचाते थे। जोकि इसको फिर संतोष रावत, दीपक तिवारी, भास्कर नेगी और महिला संतोष तक पहुंचा था। मादक पदार्थ की बिक्री के बाद पेडलर ही गूगल पे के माध्यम से यह धनराशि मनीष विष्ट तथा महिला संतोष तक पहुंचाता था। जहां से यह राशि महिपाल की एक परिचित महिला के एकाउंट में डाल दी जाती थी। कपकोट के सप्लायर भूप्पी को समय पर विभिन्न माध्यम से पैंसा दिलाया जाता था। मामले में ऋषिकेश से गिरफ्तार की गयी महिला संतोष के विरुद्ध थाना ऋषिकेश में आबकारी एक्ट, गुण्डा एक्ट और एनडीपीएस के 17 मामले पंजीकृत हैं। जबकि उप्र के बरेली आलमगिरी गंज निवासी अजय कुमार गुप्ता पुत्र मतरू लाल, ऋषिकेश क्षेत्र के एक महिला तथा कपकोट के चौड़ा निवासी भूपेंद्र सिंह उर्फ भूप्पी की तलाश जारी है। जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहे अभियुक्त महिपाल इस अवैध धंधे के साथ ही कैदियों को डरा धमका कर उनके घर से पैंसे मंगाता था। एसटीएफ के अनुसार उसके पॉक्सो में बंद एक अभियुक्त के घर फोन करके पैसे लेने की बात सामने आई है। जेल में बंद कैदियों के घर फोन पर उनके परिजनों से भी जेल में खर्चा पानी के नाम पर पैसे मांगने और धमकाने के आरोपों की भी जांच की जा रही है। एसटीएफ की ओर से अल्मोड़ा कोतवाली में जेल में बंद महिपाल और अंकित बिष्ट के खिलाफ मामला दर्ज होने के बाद उनसे पूछताछ की जाएगी। इसके लिए अदालत से पुलिस कस्टडी रिमांड ली जाएगी। एसटीएफ ने दोनों के खिलाफ आईपीसी की धारा 116 व 120(6) तथा एनडीपीएस एक्ट की धारा 27(ए) 29 के तहत मामला दर्ज किया है। एसएसपी पंकज भट्ट ने इस हाईप्रोफाइल मामले की जांच पुलिस कार्यालय में तैनात इंस्पेक्टर योगेश उपाध्याय को सौंपी है। उपाध्याय की ओर से दोनों को रिमांड में लेकर पूछताछ की जाएगी।