नई दिल्ली। अर्पणा पांडेय
केंद्रीय विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने गुरुवार को देश के नागरिक उड्डयन क्षेत्र के लिए 100-दिवसीय योजना की घोषणा की, जिसमें नीतिगत उपाय और हवाई अड्डों के विकास के साथ-साथ हेलीपोर्ट भी शामिल हैं। नागरिक उड्डयन मंत्री ने कहा कि क्षेत्रीय हवाई संपर्क योजना उड़ान के तहत हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में छह हेलीपोर्ट विकसित किए जाएंगे।
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि देश में चार नए या मौजूदा एयरपोर्ट की क्षमता का विस्तार किया जाएगा। इन सभी जगहों पर आधारशिला जल्द रखी जाएगी। एयरपोर्ट में से पहला उत्तर प्रदेश के कुशीनगर में 255 करोड़ रुपये की लागत से बनेगा। यहां एयरबस 321 और बोइंग 737 जैसे विमानों की लैंडिंग हो सकेगी। कुशीनगर बौद्ध सर्किट का केंद्र बिंदु बनेगा। दूसरा एयरपोर्ट देहरादून में बनेगा। जहां 457 करोड़ रुपये की लागत से नई टर्मिनल बिल्डिंग व अन्य कार्य होंगे। इससे हर घंटे यहां 250 की बजाए 1800 यात्रियों की आवाजाही हो सकेगी। तीसरा एयरपोर्ट त्रिपुरा के अगरतला में बनेगा। इस पर 490 करोड़ रुपये का निवेश होगा। इसकी क्षमता अभी 500 यात्री प्रति घंटा है, जो बढ़कर 1200 यात्री प्रति घंटा हो जाएगी। वहीं चौथा एयरपोर्ट यूपी के जेवर में कुल 30,000 करोड़ रुपये के निवेश से बनेगा। उन्होंने कहा कि इन एयरपोर्ट की आधार शिला केंद्र सरकार की ओर से जल्द रखी जाएगी। सरकार ने रखरखाव, मरम्मत और ओवरहाल यानि एमआरओ गतिविधियों के लिए एक नई नीति की भी घोषणा की गई है। इसका उद्देश्य भारत को एमआरओ का वैश्विक केंद्र बनाना है। विमानन मंत्री ने कहा कि एमआरओ के संबंध में असैन्य और सैन्य कार्यों के बीच तालमेल पर भी चर्चा चल रही है। एमआरओ गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने ऐसे कार्यों के लिए और निवेश आकर्षित करने के लिए दिल्ली और कोलकाता सहित आठ हवाई अड्डों का चयन किया है। उन्होंने कहा कि सरकार देश में एमआरओ गतिविधियों को बढ़ावा देने के प्रयास कर रही है। वर्तमान में ऐसे अधिकांश कार्य देश के बाहर किए जाते हैं। पिछले साल मार्च में जीएसटी परिषद ने एमआरओ सेवाओं पर जीएसटी को 18 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी करने का फैसला किया था। विमानन मंत्री ने ये भी बताया कि कोझीकोड हवाईअड्डे पर हुए विमान हादसे की जांच रिपोर्ट अगले कुछ दिनों में सार्वजनिक कर दी जाएगी। उन्होंने कहा कि इस समय मैं आपको केवल इतना बता सकता हूं कि अगले कुछ दिनों में वह रिपोर्ट सार्वजनिक डोमेन में जारी होने जा रही है। उस रिपोर्ट के आधार पर जो भी कदम उठाए जाने होंगे उन्हें एक समूह को सौंपेंगे। समूह को यह सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी कि रिपोर्ट में जिन कदमों की सिफारिश की गई है उन्हें अवश्य लागू किया जाए।