सोनभद्र। जलाल हैदर खान
आर सत्र न्यायाधीश/ विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट पंकज श्रीवास्तव की अदालत ने सात साल पूर्व 15 वर्षीय मंद बुद्धि बालिका के साथ हुए दुष्कर्म के मामले में सुनवाई करते हुए मंगलवार को दोषसिद्ध पाकर दोषी को उम्रकैद एवं दो लाख रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड न देने पर एक साल की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। जेल में बितायी अवधि सजा में समाहित होगी। वहीं पीड़िता को अर्थदंड की धनराशि नियमानुसार मिलेगी।
अभियोजन पक्ष के मुताबिक राबर्ट्सगंज कोतवाली क्षेत्र के एक गांव निवासी व्यक्ति ने 23 जुलाई 2014 को राबर्ट्सगंज कोतवाली में दी तहरीर में आरोप लगाया था कि उसकी मंद बुद्धि 15 वर्षीय बेटी के साथ राबर्ट्सगंज कोतवाली क्षेत्र निवासी शैलेंद्र ने 20 जुलाई 2014 को दोपहर 12 बजे दुष्कर्म किया, जिसे रंगे हाथ पकड़ लिया गया। पता चला कि चार माह का बेटी के पेट में गर्भ भी है। इस तहरीर पर पुलिस ने दुष्कर्म एवं पॉक्सो एक्ट में एफआईआर दर्ज कर मामले की विवेचना किया और पर्याप्त सबूत मिलने पर विवेचक ने न्यायालय में चार्जशीट दाखिल किया था। मामले की सुनवाई करते हुए अदालत ने दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं के तर्कों को सुनने, गवाहों के बयान एवं पत्रावली का अवलोकन करने पर दोषसिद्ध पाकर दोषी शैलेंद्र को उम्रकैद एवं दो लाख रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड न देने पर एक साल की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। जेल में बितायी अवधि सजा में समाहित की जाएगी। वहीं पीड़िता को अर्थदंड की धनराशि नियमानुसार मिलेगी। इतना ही नहीं पीड़िता के पुनर्वास के लिए जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सोनभद्र से प्रतिकर दिलाने की संस्तुति की गई है। अभियोजन पक्ष की ओर से सरकारी वकील दिनेश अग्रहरि एवं सत्य प्रकाश त्रिपाठी एडवोकेट ने बहस की।