विलुप्त हो चुके तस्मानियाई बाघों को जिंदा करेंगे वैज्ञानिक

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न्यूयॉर्क। दुनिया से विलुप्त हो चुकी तीन प्रजातियां अगले तीन वर्षों में दोबारा जिंदा की जा सकती हैं। इन प्रजातियों में विशालकाय मैमथ, खतरनाक तस्मानियाई बाघ और न उड़ सकने वाला पक्षी डोडो शामिल है। अमेरिका की जैव प्रौद्योगिकी कंपनी कोलोसल बायोसाइंसेज इस परियोजना पर काम कर रही है।
कोलोसल बायोसाइंसेज के कार्यकारी अधिकारी बेन लैम ने कहा, जीन एडिटिंग तकनीक से यह संभव है। इसके लिए विलुप्त प्रजातियों से संबंधित मौजूदा जीवों के जीन की मदद ली जाएगी। 23.5 करोड़ डॉलर की मदद से इस मिशन को पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। हमें उम्मीद है कि वर्ष 2028 से पहले हम इन तीन में से किसी एक जीव को पैदा करने में सफलता हासिल कर लेंगे। उन्होंने कहा, हम कई अन्य प्रजातियों के संरक्षण के लिए भी काम कर रहे हैं। इसके लिए जीन और डीएनए को लैब में सुरक्षित किया जा रहा है। मुख्य रूप से कई समुद्री जीवों के विलुप्त होने का खतरा बढ़ा है। दुनियाभर में करीब 42 हजार प्रजातियों पर विलुप्त होने का खतरा है।जीन एडिटिंग तकनीक से प्रजाति के दूसरे जीवों से मदद ली जाएगी। जैसे मैमथ के लिए एशियाई हाथियों, तस्मानियाई बाघ के लिए बड़े पैर व छोटे हाथों वाले जानवरों और डोडो के लिए निकोबार पिजन के डीएनए में बदलाव किए जाएंगे। उदाहरण के लिए मैमथ के जन्म के लिए एशियाई हाथी के गर्भ की जरूरत होगी, जिसमें एडिट किए हुए जीन से भ्रूण विकसित किया जाएगा। ऑस्ट्रेलियाई अभिनेता क्रिस हेम्सवर्थ, अमेरिकी मॉडल-सिंगर पेरिस हिल्टन और मोटिवेशनल गुरु टोनी रोबिंस इस परियोजना से जुड़े हुए हैं। वे अपने चैरिटी कार्यक्रमों के जरिये 23.5 करोड़ डॉलर जुटा चुके हैं।

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