वाशिंगटन।
शनि का सबसे बड़ा चंद्रमा टाइटन एलियन का ठिकाना हो सकता है। वैज्ञानिकों का कहना है कि टाइटन का घना वातावरण यहां एलियन की मौजूदगी के तमाम कारणों में से एक है। यही वजह है कि सौर मंडल में जीवन की संभावना के लिए टाइटन सबसे बेहतर ठिकाना है।
एक नए अध्ययन के मुताबिक, टाइटन के भीतरी गर्म हिस्से में कार्बनिक अणुओं के चलते टाइटन का वातावरण घना हो गया है। रेडियोएक्टिव तत्वों के अपक्षय से टाइटन का भीतरी हिस्सा गर्म हो सकता है और जटिल कार्बनिक अणुओं से नाइट्रोजन और कार्बन का विभाजन हो सकता है। एक बार मुक्त होने के बाद ये तत्व नाइट्रोजन और मीथेन के अणुओं में दोबारा जुड़कर वायुमंडल में बच सकते हैं। सेंट एंटोनियो स्थित साउथवेस्ट रिसर्च इंस्टीट्यूट के कॉस्मोकेमिस्ट केली मिलर के अनुसार यह प्रक्रिया टाइटन के वातावरण में देखी गई करीब आधी नाइट्रोजन और पूरी मीथेन के लिए हो सकती है।
पहले हुए अध्ययन यह बताते हैं कि टाइटन की नाइट्रोजन धूमकेतु की अमोनिया आइस में पहुंचाई जा सकती है। अमोनिया को सूरज की रोशनी से अलग किया जा सकता है या चंद्रमा की सतह पर गिरे धूमकेतु के बल से तोड़ा जा सकता है, इस तरह ही टाइटन के आसमान को भरने वाले गैसीय नाइट्रोजन अणुओं का निर्माण होता है। कॉर्नेल विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक अलेक्जेंडर ने बताया टाइटन के भीतरी हिस्से में कार्बनिक पदार्थों की मौजूदगी से यहां जीवन की संभावना है। यहां एलियन के अनुकूल ओशियन सतह, हाइड्रोकार्बन झीलों, नदियों और बारिश का एक हाइड्रोलॉजिक सिस्टम है।