…तो संदेशखाली मामले से डरी ममता, मंत्रियों को भेजा

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कोलकाता। पश्चिम बंगाल के तीन मंत्रियों ने रविवार को लोगों से उनकी शिकायतों के बारे में बात करने के लिए संदेशखाली का दौरा किया। यहां पिछले कुछ दिनों से विरोध-प्रदर्शन का दौर जारी है। मंत्रियों की टीम में पार्थ भौमिक, सुजीत बोस और बीरबाहा हांसदा शामिल थे। संदेशखाली से टीएमसी विधायक सुकुमार महता भी उनके साथ रहे। सुजीत बोस ने संवाददाताओं से कहा कि हमने उन स्थानों का दौरा किया जहां धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू की गई है। उन्होंने कहा कि पार्टी गलत काम के प्रति जीरो टॉलरेंस रखती है। उधर, भूमि विभाग ने सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस से जुड़े कुछ लोगों द्वारा जमीन कब्जाने को लेकर ग्रामीणों की शिकायतें दर्ज करने के लिए शिविर भी खोला है।
ज्ञात हो कि दो दिन पहले बंगाल पुलिस ने केंद्र सरकार के मंत्रियों सहित कांग्रेस कार्यकर्ताओं को संदेशखाली जाने से रोक दिया था। संदेशखाली में बड़ी संख्या में महिलाओं ने तृणमूल कांग्रेस के नेता शाहजहां शेख और उनके समर्थकों पर जबरदस्ती जमीन हड़पने और यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगाया है। शाहजहां से जुड़े लोगों ने पांच जनवरी को राशन घोटाले के सिलसिले में छापा मारने गए प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों पर हमला कर दिया था, जिसके बाद से शाहजहां फरार हैं। जबकि दो मुख्य आरोपियों सहित 18 लोगों को पुलिस गिरफ्तार कर चुकी है। संदेशखाली हिंसा मामले में गिरफ्तार किए टीएमसी नेता और शाहजहां शेख के करीबी शिबू हाजरा को बशीरहाट उपमंडल अदालत ने आठ दिनों के लिए पुलिस हिरासत में भेज दिया है। हाजरा पर जमीन हड़पने और यौन उत्पीड़न का आरोप है। शिबू को शनिवार को पश्चिम बंगाल के बशीरहाट के नजात इलाके से गिरफ्तार किया गया था। इस बीच राज्य के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) राजीव कुमार ने कहा कि दो उप महानिरीक्षक (डीआईजी) रैंक की महिला अधिकारियों के नेतृत्व में 10 सदस्यीय टीम संदेशखाली हिंसा की जांच कर रही है।

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