कीव। रूस ने शुक्रवार को यूक्रेन पर क्रूज मिसाइलों और ड्रोन की बरसात कर दी। यूक्रेन ने दावा किया कि रूस की ओर से 93 मिसाइल और 200 ड्रोन दागे गए। इनमें से 81 मिसाइलों को मार गिराया गया। वहीं 11 मिसाइल को एफ-16 विमान ने निशाना बनाया। रूस ने हमले में हाइपरसोनिक किंजल मिसाइलों का इस्तेमाल किया।
रूस ने क्रूज मिसाइलों और ड्रोन से बड़े पैमाने पर हवाई हमले करते हुए देश के खस्ताहाल ऊर्जा तंत्र को निशाना बनाया। उसके ऊर्जा प्रतिष्ठानों को निशाना बनाया। यूक्रेन के ऊर्जा मंत्री हर्मन हेलुशेंको ने फेसबुक पेज पर यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि दुश्मन का आतंक जारी है। हेलुशेंको ने कहा कि ऊर्जा कर्मचारी ऊर्जा प्रणाली पर पड़ने वाले प्रभावों को रोकने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने सुरक्षा स्थिति अनुकूल होने पर नुकसान के बारे में अधिक विवरण देने की बात कही। यूक्रेन की वायु सेना ने बताया कि बीती रात यूक्रेन पर कई ड्रोन हमले किए गए और उसके बाद देश के हवाई क्षेत्र में क्रूज मिसाइल भी दागी गईं। रूस ने यूक्रेन के पश्चिमी क्षेत्रों के खिलाफ किंजल बैलिस्टिक मिसाइलों का भी इस्तेमाल किया। शुक्रवार के हमलों के बाद आशंका बढ़ गई है कि रूस का लक्ष्य सर्दी की शुरुआत में यूक्रेन की बिजली उत्पादन क्षमता को नष्ट करना है। रूस और यूक्रेन में जंग के बीच यूक्रेन के शीर्ष सैन्य कमांडर ने कहा है कि रूस के लगातार आक्रमण के बाद पूर्वी यूक्रेन के प्रमुख शहर पोक्रोवस्क के आसपास जंग और भीषण हो गई है। रूसी सेना अब शहर से कुछ ही किलोमीटर की दूरी पर है। पोक्रोवस्क शहर यूक्रेन के लिए बेहद अहम है। यूक्रेन की सेना और सुरक्षा बलों ने इस हमले का मुकाबला करने की पूरी कोशिश की, लेकिन इतने बड़े पैमाने पर आक्रमण के बावजूद उनकी ऊर्जा अवसंरचना पर इसका गहरा असर पड़ा. राष्ट्रपति जेलेंस्की ने इस हमले को एक आत्मघाती रणनीति” करार दिया, जो यूक्रेन की जनता को मानसिक और शारीरिक रूप से कमजोर करने के लिए की गई थी। यूक्रेन पर हुए इस हमले ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय में भी चिंता पैदा कर दी है। पश्चिमी देशों और संयुक्त राष्ट्र ने इस हमले की कड़ी निंदा की और रूस से इसे तुरंत रोकने की अपील की। कई देशों ने यूक्रेन को ऊर्जा संकट से निपटने में मदद देने की बात की है और रूस के खिलाफ सख्त प्रतिबंधों की आवश्यकता को भी महसूस किया है।