नई दिल्ली। संसद के शीतकालीन सत्र के पहले दिन सोमवार को दोनों सदनों में जमकर हंगामा हुआ। अदाणी समूह के खिलाफ रिश्वतखोरी के आरोप और यूपी के संभल में हुई हिंसा के मुद्दे पर संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही एक-एक बार स्थगन के बाद बुधवार तक के लिए स्थगित कर दी गई। मंगलवार को संविधान को अपनाने की 75वीं वर्षगांठ के मौके पर कार्यक्रम है। इसलिए, सदन की बैठक नहीं होगी।
लोकसभा की कार्यवाही शुरू होते ही कुछ विपक्षी सदस्यों ने अदाणी से जुड़े मुद्दे और संभल में रविवार को हुई हिंसा के मामले को उठाया। शोर शराबा और हंगामा बढ़ता देख लोकसभा अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही पहले दोपहर 12 बजे तक और फिर दिनभर के लिए स्थगित कर दी। पहली बार सदन स्थगित होने के बाद दोबारा कार्यवाही शुरू होने पर जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सदन में पहुंचे तो केंद्रीय मंत्रियों सहित सत्तापक्ष के सभी सदस्य मोदी-मोदी के नारे लगाते हुए अपनी सीट पर खड़े हो गए। वहीं, सपा सांसद धर्मेंद्र यादव सहित कुछ नेताओं ने संभल का मुद्दा उठाया। इस दौरान विपक्ष की पंक्ति में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव भी अपनी सीट पर खड़े थे। अन्य विपक्षी दलों के सदस्य भी विभिन्न मुद्दे उठाने का प्रयास कर रहे थे। पीठासीन सभापति संध्या राय ने हंगामा कर रहे विपक्षी सदस्यों से सदन की कार्यवाही चलने देने का आग्रह किया। लेकिन वे नहीं, इसके बाद एक मिनट के भीतर ही सदन पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गई। सदन के स्थगन से पहले लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने वर्तमान लोकसभा के सदस्य रहे वसंत राव चव्हाण और नुरुल इस्लाम सहित पूर्व सदस्यों के निधन के बारे में सदन को सूचित किया। सभी सदस्यों ने मौन रखकर दिवंगत सांसदों और पूर्व सदस्यों को श्रद्धांजलि दी। राज्यसभा में भी कार्यवाही शुरू होने पर सदन ने दिवंगत सदस्यों को श्रद्धांजलि दी। राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने सदन को बताया कि उन्हें नियम 267 के तहत कुल 13 नोटिस मिले हैं। इनमें विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे, माकपा के जॉन ब्रिटास, कांग्रेस के प्रमोद तिवारी और आम आदमी पार्टी के संजय सिंह सहित कुछ अन्य सदस्यों के नोटिस शामिल हैं। सभापति ने इन सभी नोटिस को अस्वीकार करते हुए मल्लिकार्जुन खरगे को अपनी बात रखने का मौका दिया। खरगे ने अदाणी समूह के खिलाफ लगाए गए आरोपों को गंभीर बताते हुए कहा कि यदि सूचीबद्ध कामकाज को निलंबित कर दिया जाता है तो विपक्षी सदस्य बता सकते हैं कि यह बहुत महत्वपूर्ण मुद्दा पूरे देश को कैसे प्रभावित कर रहा है। इससे देश की छवि खराब हुई है। इससे पहले खरगे कुछ और बोल पाते, सभापति ने कहा कि वह इस मुद्दे पर उनके नोटिस को अस्वीकार कर चुके हैं इसलिए वह इसे उठा नहीं सकते। इस पर विपक्षी सदस्य अपनी सीट पर खड़े हो गए। हंगामा बढ़ता देख सदन की कार्यवाही पहले 11 बजकर 45 मिनट तक के लिए स्थगित कर दी गई। दोबारा कार्यवाही शुरू होने पर फिर हंगामा हुआ, इसके बाद कार्यवाही पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गई।