देहरादून। अनीता रावत
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान एम्स ऋषिकेश में हृदय की बीमारियों से रोकथाम व उपचार में योग व ध्यान का योगदान विषयक अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी विधिवत शुरू हो गई। दो दिवसीय इंटरनेशनल संगोष्ठी में दुनिया के विभिन्न देशों से हृदय रोग व ध्यान योग के विशेषज्ञ व आचार्य प्रतिभाग कर रहे हैं।
एम्स में शनिवार को संस्थान के निदेशक पद्मश्री प्रोफेसर रवि कांत ने दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी का विधिवत शुभारंभ किया। इस दौरान निदेशक एम्स प्रो.रवि कांत ने जीवनशैली से संबंधित बीमारियों जैसे उच्च रक्तचाप, मधुमेह आदि से बचाव पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि ऋषिकेश योग के साथ ही एम्स की स्थापना से एलोपैथी का भी केंद्र बन गया है। इस मौके पर निदेशक पद्मश्री प्रो.रवि कांत ने योग व आधुनिक चिकित्सा के एकीकरण पर विशेष जोर दिया। स्वामी विवेकानंद योग संस्थान बैंगलुरू के उप कुलपति व प्रधानमंत्री के योग गुरु डा.एच आर नागेंद्र ने पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा योग को विश्व भर में प्रचारित करने के लिए उनकी प्रशंसा की। उन्होंने बताया कि आधुनिक चिकित्सा भौतिक जगत पर आधारित है जबकि योग मनुष्य के मन,मस्तिष्क को भौतिक जगत से जोड़ता है। परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानंद सरस्वती मुनि महाराज ने कहा कि ऋषिकेश वह धरती है जहां लोगों को तनावग्रस्त जीवन का समाधान मिलता है। उन्होंने बताया कि किसी भी प्रकार की व्याधि की रोकथाम के लिए ध्यान व योग बेहतरीन उपाय है। जीवा की अंतरराष्ट्रीय महासचिव साध्वी भगवती सरस्वती ने बताया कि नियमित योग क्रियाओं के अभ्यास से मनुष्य की रोग प्रतिरोधक क्षमता कईगुना बढ़ जाती है। यूएसए के कॉर्डियोलॉजिस्ट व एम्स के विजिटिंग प्रोफेसर डा.इंद्रानिल बासू रे ने बताया कि उच्च रक्तचाप की रोकथाम की पहली विधि दवाइयां नहीं बल्कि जीवनशैली में बदलाव लाना है।
माइंड बॉडी इंस्टीट्यूट हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के प्रो.ग्रीग फ्रिकोनी ध्यान व योग का मस्तिष्क पर पड़ने वाले प्रभाव के बारे में बताया। बताया कि योगाभ्यास से मस्तिष्क में न्यूरो ट्रांसमीटर्स कि शरीर के अनुकूल स्तर बढ़ता है, जिससे हृदय पर भी अनुकूल प्रभाव पड़ता है। लिहाजा जीवन में योग को अआत्मसात करना जरूरी है। इससे सामंजस्य व आत्मिक शांति बढ़ती है।
हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के डा.दर्शन मेहता ने न्यूरो साइक्रेटिक से जुड़ी एक केस रिपोर्ट प्रस्तुत की। जिसमें बताया गया कि उच्च रक्तचाप व तनाव से ग्रस्त रोगी को योग से कितना लाभ मिला। इस अवसर पर हिमालयन विवि के कुलपति डा.विजय धस्माना, निम्हांस के निदेशक डा.वीएन गंगाधर,डीन प्रो.सुरेखा किशोर, प्रोफेसर बीना रवि, प्रो.मनोज गुप्ता, कॉर्डियो विभागाध्यक्ष डा.भानु दुग्गल,डा.सुरेश शर्मा, डा.मीनाक्षी धर,डा.मोनिका पठानिया, डा.बलराम जीओमर,डा.रवि गुप्ता आदि मौजूद थे।