कजान। ब्रिक्स के ‘आउटरीच’ सत्र में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि विवादों और मतभेदों का समाधान संवाद और कूटनीति से ही संभव है।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने गुरुवार को कहा कि संघर्षों और तनाव से प्रभावी तरीके से निपटना आज के समय की विशेष जरूरत है। विवादों और मतभेदों का समाधान संवाद और कूटनीति से निकाला जाना चाहिए और एक बार सहमति हो जाए, तो ईमानदारी से उसका पालन होना चाहिए। जयशंकर ने रूस के कजान में ब्रिक्स के ‘आउटरीच’ सत्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से शामिल होते हुए यह बात कही। उन्होंने कहा कि हम कठिन परिस्थितियों में मिल रहे हैं। विश्व को दीर्घकालिक चुनौतियों पर नए सिरे से सोचने के लिए तैयार रहना चाहिए। हमारा यहां एकत्रित होना इस बात का संदेश है कि हम ऐसा करने के लिए वाकई तैयार हैं।
विदेश मंत्री ने अपने संबोधन में प्रधानमंत्री मोदी के पहले के एक कथन का उल्लेख करते हुए कहा कि यह युद्ध का युग नहीं है। जयशंकर ने कहा कि संघर्षों और तनाव से प्रभावी तरीके से निपटना आज के समय की विशेष जरूरत है। प्रधानमंत्री मोदी ने इस बात पर जोर दिया है कि यह युद्ध का युग नहीं है। विवादों और मतभेदों का समाधान संवाद और कूटनीति से निकाला जाना चाहिए। एक बार सहमति हो जाए तो ईमानदारी से उसका पालन होना चाहिए।
जयशंकर ने ब्रिक्स सत्र में कहा कि अंतरराष्ट्रीय कानून का बिना किसी अपवाद के पालन होना चाहिए और आतंकवाद के प्रति कतई बर्दाश्त नहीं करने वाला रुख होना चाहिए। विदेश मंत्री ने कहा कि पश्चिम एशिया में चिंता के हालात को समझा जा सकता है। उन्होंने कहा कि पश्चिम एशिया में संघर्ष और फैलने को लेकर व्यापक चिंताएं हैं। ब्रिक्स सम्मेलन के अंतिम दिन यहां ‘आउटरीच/ब्रिक्स प्लस’ बैठक आयोजित की गई। सत्र में संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरस और दुनियाभर के 20 से अधिक नेताओं ने भाग लिया।