नई दिल्ली। अर्पणा पांडेय
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के इस्तीफे के बाद चरणजीत सिंह चन्नी नए मुख्यमंत्री बन गए हैं। सोमवार को चन्नी ने सीएम पद की शपथ ली है। चन्नी पंजाब के पहले दलित सीएम बने हैं। कैप्टन अमरिंदर सिंह और नवजोत सिंह सिद्धू की लड़ाई का फायदा चन्नी को मिला है। हालांकि कांग्रेस ने चन्नी के हाथ पंजाब की बागडोर देकर दलित वोट पर भी निशाना साधा है। उनके साथ एक जट सिख और हिंदू को उप मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है। चन्नी की गिनती कैप्टन विरोधियों में होती है।
कैप्टन के इस्तीफे के बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सुनील जाखड़ कांग्रेस नेतृत्व की पहली पसंद थे। उन्हें मुख्यमंत्री बनाकर पार्टी हिंदू मतदाताओं को अपने पाले में करना चाहती थी। जाखड़ के निवर्तमान मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह से अच्छे संबंध हैं। इसलिए प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू और दूसरे विधायक उनके नाम पर तैयार नहीं हुए। इसके बाद वरिष्ठ नेता अंबिका सोनी के नाम सहमति बनी। पार्टी नेतृत्व ने भी उनके नाम पर हरी झंडी दे दी। पर, अंबिका सोनी ने पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात कर जिम्मेदारी लेने से इनकार कर दिया। उनकी दलील थी कि पंजाब में सिख बहुसंख्यक हैं। ऐसे में किसी सिख को मुख्यमंत्री बनाना चाहिए।अंबिका सोनी के रुख से रंधावा की राह कुछ आसान हुई। उनके बयान के बाद चंडीगढ़ में मौजूद पार्टी पर्यवेक्षकों ने विधायकों से नए सिरे से चर्चा की और रंधावा पर सहमति बनती दिखी। पर, पार्टी कैप्टन को और नाराज नहीं करना चाहती थी। क्योंकि, रंधावा और सिद्धू बेहद करीबी हैं। इसलिए चन्नी के नाम पर सहमति बनी। इसके बाद पार्टी महासचिव और प्रदेश प्रभारी हरीश रावत ने ट्वीट कर कहा कि चरणजीत सिंह चन्नी को सर्वसम्मति से विधायक दल का नेता चुन लिया गया है। इसके बाद हरीश रावत, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू और विधायक दल के नेता चरणजीत सिंह चन्नी ने राज्यपाल से मुलाकात कर सरकार बनाने का दावा पेश किया। चन्नी के साथ दो उप मुख्यमंत्री बनाए जाएंगे। चन्नी दलित सिख समुदाय से आते हैं। ऐसे में एक जट सिख और हिंदू नेता को उप मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है। हिंदू उप मुख्यमंत्री के तौर पर भारत भूषण साहू का नाम लिया जा रहा है। पर, अभी यह तय नहीं है कि जट सिख समुदाय से कौन उप मुख्यमंत्री होगा।