लखनऊ। राजेन्द्र तिवारी
यूपी बोर्ड की हाईस्कूल व इंटरमीडिएट की परीक्षा में बिना अंकों के प्रोन्नत विद्यार्थी अब परेशान होने लगे हैं। उनके सबसे ज्यादा दिक्कत एडमिशन में हो रही है। हालांकि अब माध्यमिक शिक्षा विभाग इन्हें अंक देने पर विचार कर रहा है ताकि आगे प्रवेश में दिक्कत न आ सके। 1.44 लाख विद्यार्थियों को बिना अंकों के प्रोन्नत किया गया है।
हाईस्कूल में 14015 और इंटरमीडिएट में 55555 ऐसे विद्यार्थी हैं जिनका रिजल्ट विदहेल्ड हैं। उनकी आपत्तियां शुक्रवार तक ली गई हैं। हालांकि इसकी धीमी गति पर भी विद्यार्थी नाराज हैं क्योंकि स्नातक स्तर पर प्रवेश प्रक्रिया शुरू हो गई हैं। इंटरमीडिएट में ज्यादातर वे विद्यार्थी हैं जिन्होंने हाईस्कूल दूसरे बोर्ड से किया था लेकिन उनके नंबर बोर्ड को नहीं भेजे गए या फिर त्रुटिवश चढ़ना रह गए। वहीं हाईस्कूल में 82,238 और इंटरमीडिएट में 62,506 विद्यार्थी ऐसे हैं जिन्हें बिना अंकों के सामान्य प्रोन्नति दी गई है। माध्यमिक शिक्षा विभाग की अपर मुख्य सचिव आराधना शुक्ला ने बीते दिनों निर्देश जारी किए हैं कि यह सुनिश्चित किया जाए कि जिन विद्यार्थियों को बिना अंकों के सामान्य प्रोन्नति दी गई है, उनका प्रवेश सुनिश्चित किया जाए। उन्हें आगे पढ़ने में किसी तरह की दिक्कत न हो। इसमें सबसे बड़ी दिक्कत इंटरमीडिएट पास करके उच्च शिक्षा में दाखिला लेने वाले विद्यार्थियों के सामने आ रही है क्योंकि जिन पाठ्यक्रमों में कट ऑफ के आधार पर प्रवेश होने हैं वहां ये विद्यार्थी पात्र हीं नहीं होंगे और ज्यादातर पाठ्यक्रमों में इसी पर प्रवेश दिया जाता है। वहीं हाईस्कूल में प्रोन्नत विद्यार्थी यदि दूसरे शहर या दूसरे स्कूल में दाखिला लेंगे तो उन्हें वहां भी दिक्कत आ रही है। लिहाजा अब अंकों को देने पर विचार किया जा रहा है और इसके फार्मूले पर मंथन किया जा रहा है।