नई दिल्ली। अर्पणा पांडेय
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा एक बार फिर यूपी में कांग्रेस को खड़ा करने की कोशिश में जुट गई हैं। लाखनऊ के तीन दिनी दौरे के दौरान प्रियंका गांधी यही प्रयास करते हुए दिखीं। रविवार को दिल्ली रवाना होने से पूर्व प्रियंका ने पार्टी नेताओं को भी य ही संदेश दिया है कि चुनाव में जीत के लिए पुराने और युवा नेताओं के बीच तालमेल का होना बहुत जरूरी है। प्रियंका ने लखनऊ दौरे में जहां पुराने कांग्रेसियों को सम्मान दिया वहीं युवा कांग्रेसियों को सराहा भी। उन्होंने यह भी संदेश दिया कि कांग्रेस अपनी इसी टीम के साथ मिशन 2022 को फतह करने उतरेगी।
प्रियंका गांधी के लखनऊ प्रवास के दौरान पूरे दो दिनों कांग्रेस मुख्यालय गुलजार रहा। प्रियंका गांधी को चेहरा दिखाने, उनसे मिलने के लिए होड़ लगी रही लेकिन तीसरे दिन उन्होंने गठबंधन के संकेत देकर कार्यकर्ताओं को मायूस भी किया। हालांकि यह कैसे आकार लेगा, इस पर कुछ कहना जल्दबाजी होगी। इससे पहले कांग्रेस अकेले चुनाव मैदान में उतरने का ऐलान करती आई है। हालांकि सभी पुराने नेता सम्मान पाकर खुश हैं। अरसे बाद पार्टी ने उन्हें पूछा है। नई टीम में जगह न मिलने से हाशिए पर चल रहे ये नेता कांग्रेस को कितना लाभ देंगे ये 2022 में तय होगा लेकिन इससे असंतुष्ट लोगों को पार्टी से जोड़े रहने और भितरघात में खासी मदद मिलेगी। ये नेता नई टीम के तवज्जो न दिए जाने से खासे नाराज थे। उन्होंने बैठक में कह भी दिया कि जब वे प्रदेश कार्यालय आते हैं तो ये नए लोग उन्हें पहचानते ही नहीं। प्रियंका ने वापस एयरपोर्ट जाते समय भी ताकीद की कि वरिष्ठों को शिकायत का कोई मौका न दिया जाए। उनसे लगातार संवाद किया जाए यानी संदेश साफ है कि उन्हें लाभ दिया जाए या नहीं, लेकिन असंतुष्ट नहीं छोड़ा जाए। वहीं प्रियंका ने साफ संकेत दिए कि वह अपनी टीम के काम से खुश हैं और वह इसी टीम के साथ चुनाव में उतरेंगी। मौका चाहे कोई भी हो उनके बगलगीर प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू व विधानमंडल दल की नेता आराधना मिश्र मोना ही रहीं। वह बार-बार प्रदेश अध्यक्ष को साथ में बैठाती दिखी और साफ किया कि यदि आज संगठन की यूपी में बात हो रही है, पार्टी यूपी में दिख रही है तो इसका कारण उनकी टीम है। पिछले डेढ़ साल यानी अजय कुमार लल्लू के प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद से पार्टी जमीन पर संघर्ष कर रही है। लोग कांग्रेस की बात कर रहे हैं।