लखनऊ। राजेंद्र तिवारी
एक बार फिर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी मौन धरने पर बैठ गई। कांग्रेस ने लखीमपुर हिंसा मामले में गृह राज्यमंत्री अजय मिश्र टेनी की बर्खास्तगी और मृतक किसानों के परिवारों को न्याय दिलाने के लिए कांग्रेस ने देशव्यापी धरना दिया। लखनऊ में महासचिव व यूपी प्रभारी प्रियंका गांधी जीपीओ स्थित गांधी प्रतिमा पर मौन धरने पर बैठी। धरने के बाद उन्होंने कहा कि लखीमपुर में कृषि कानूनों के खिलाफ शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे किसानों की हत्या कर दी गई। केन्द्रीय गृह राज्यमंत्री के रहते पीड़ित परिवारों को इंसाफ नहीं मिल सकता। इंसाफ मिलने तक सत्याग्रह की लड़ाई जारी रहेगी।
इससे पहले प्रियंका गांधी सितम्बर में भी पंचायत चुनाव में हुई हिंसा के विरोध में मौन धरने पर बैठी थीं। सोमवार दोपहर एक बजे कांग्रेस का धरना शुरू हुआ। प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ धरने की शुरुआत की। 3.10 बजे प्रियंका गांधी जीपीओ पहुंची और धरने पर बैठ गईं। धरना 4.10 पर खत्म हो गया। उनके साथ वरिष्ठ नेता पीएल पुनिया, प्रमोद तिवारी, आराधना मिश्र मोना, दीपक सिंह, नसीमुद्दीन सिद्दीकी, राष्ट्रीय सचिव धीरज गुर्जर, रोहित चौधरी, बाजीराव खाड़े, प्रदीप नरवाल, तौकीर आलम, विधायक नरेश सैनी, मसूद अख्तर, राकेश सचान, पंकज मलिक, अखिलेश प्रताप सिंह, जफर अली नकवी आदि भी धरने पर बैठे।
धरने का बाद अजय कुमार लल्लू ने कहा कि लखीमपुर की घटना से देश भर में आक्रोश है। सरकार आरोपियों को बचाने में लगी है। भाजपा राज में जो हो रहा है ऐसा कभी नहीं हुआ। सरकार उम्भा, हाथरस, उन्नाव, गोरखपुर, लखीमपुर में आरोपियों के साथ खड़ी रही। यदि इन घटनाओं के लिए हमारी महासचिव प्रियंका गांधी सड़क पर उतर संघर्ष नहीं करती और पीड़ितों के लिए न्याय नहीं मांगा होता तो सरकार आरोपियों को बचाने में कामयाब हो जाती। हर तरफ अन्याय की फसल उगाने वाली भाजपा शासन से जनता त्रस्त है। इस सरकार को उखाड़ कर न्याय का राज स्थापित करना है।