पटना। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार को दूसरे एम्स की सौगात दी है। इस मौके पर मोदी ने कहा कि दस साल में देश में मेडिकल कालेजों की संख्या दोगुनी हुई है और करीब एक लाख सीटें बढ़ी हैं। अगले पांच साल में 75 हजार सीटें और बढ़ाई जाएंगी। प्रधानमंत्री ने बुधवार को दरभंगा के शोभन में बिहार के दूसरे एम्स की आधारशिला रखी और सूबे के लिए सड़क, रेल व गैस से जुड़ी करीब 12 हजार करोड़ से अधिक की 25 योजनाओं का शिलान्यास व लोकार्पण किया। उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सराहना करते हुए कहा कि सुशासन का उनका मॉडल अद्भुत है। प्रधानमंत्री ने जनसभा में पूर्ववर्ती सरकारों पर निशाना साधते हुए कहा कि 60 साल तक देश में सिर्फ एक एम्स था। कांग्रेस सरकार में चार-पांच एम्स बनाने की घोषणा हुई, लेकिन उनमें इलाज शुरू नहीं हो पाया। आज देश में करीब दो दर्जन एम्स हैं। उन्होंने कहा कि चुनाव में 70 साल से अधिक उम्र के बुजुर्गों को आयुष्मान योजना के तहत लाने का वादा किया था, हमने यह गारंटी पूरी कर दी है। बहुत जल्द सभी बुजुर्गों के पास आयुष्मान वय वंदना कार्ड होगा। इसके पहले प्रधानमंत्री ने मैथिली में संबोधन की शुरुआत की और राजा जनक, माता सीता, विद्यापति, कर्पूरी ठाकुर, दरभंगा महाराज कामेश्वर सिंह और शारदा सिन्हा को याद किया।
पीएम ने कहा कि बिहार विरासत का बड़ा केंद्र है और इसे सहेजना सबकी जिम्मेदारी है। सरकार विकास भी और विरासत भी की नीति पर काम कर रही है। कोसी व मिथिला को बाढ़ से बचाने के लिए बजट में विस्तृत योजना बनाई गई है। उन्होंने पटना बिहार में जल्द ही आंख का अत्याधुनिक अस्पताल बनाए जाने की घोषणा भी की।
जनसभा में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी मौजूद रहे। प्रधानमंत्री ने उनकी तारीख करते हुए कहा कि आज एक्सप्रेस वे और इन्फ्रास्ट्रक्चर का विकास आज बिहार की पहचान है। केंद्र में मेरी और बिहार में नीतीश सरकार मिलकर बिहार के सपनों को पूरा कर रही है। प्रधानमंत्री ने कहा कि अब मेडिकल व इंजीनियरिंग की पढ़ाई मातृभाषा में भी होने से गरीबो के बच्चे भी डॉक्टर-इंजीनियर बन सकेंगे। यह कर्पूरी ठाकुर के लिए मेरी सच्ची श्रद्धांजलि है।