नई दिल्ली। नीलू सिंह
देश के रबर क्षेत्र में कौशल विकास की दिशा में कार्यरत रबर कौशल विकास परिषद (आरएसडीसी) ने क्षेत्र से जुड़े लाखों लोगों को कुशल बनाने के लिए ‘समर्थ’ नाम से अभियान शुरू किया है। इसका लक्ष्य कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय द्वारा निर्धारित लक्ष्य के अनुरूप रबर से जुड़े क्षेत्रों के लिए 10 लाख लोगों को कुशल बनाना है।
इस अभियान की औपचारिक शुरुआत करते हुए मोबाइल टायर सर्विस स्किल वैन लांच की गई है। यह स्किल वैन विभिन्न राज्यों के राजमार्गों, गांवों और कस्बों में जाकर टायर सर्विस और मैटेनेंस के क्षेत्र में कौशल विकास की जरूरत को लेकर जागरूकता पैदा करते हुए लोगों को सड़क सुरक्षा के लिए प्रोत्साहित कर रही है।
जरूरी उपकरणों और कुशल कर्मियों से लैस स्किल वैन टायर फिटर्स को प्रशिक्षित कर रही और उन्हें कुशल बनाकर प्रमाणपत्र भी दे रही है। आरएसडीसी के अध्यक्ष विनोद सिमोन ने कहा है कि भारतीय राजमार्गों पर हर जगह कार्यरत टायर फिटर्स सड़क परिवहन को सुरक्षित एवं सुगम बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। टायरों की फिटिंग करना, विशेषरूप से बड़े वाणिज्यिक वाहनों के टायरों की फिटिंग एक कुशल रोजगार है, जिसके लिए पर्याप्त प्रशिक्षण की जरूरत होती है। दुर्भाग्य से टायर फिटर्स का बड़ा वर्ग औपचारिक रूप से प्रशिक्षित नहीं है। इसलिए टायर फिटर्स के साथ अभियान शुरू की गई है।