मुंबई। टीएलआई
अश्लील फिल्म बनाने के आरोप में गिरफ्तार किए गए कारोबारी राज कुंद्रा की पत्नी शिल्पा शेट्ठी से भी पूछताछ हो सकती है। वहीं पुलिस की जांच में सामने आया है कि
काम की तलाश में मुंबई आने वाली युवतियों को गिरोह शिकार बनाता था। यही नहीं आरोपी राज कुंद्रा एक व्हाट्सएप ग्रुप से इस पूरे धंधे को संचालित करता था।
पोर्न मामले में पुलिस राज कुंद्रा की पत्नी अभिनेत्री शिल्पा शेट्टी से भी पूछताछ कर सकती है, क्योंकि शिल्पा अधिकतर बिजनेस में पति राज कुंद्रा की पार्टनर हैं। माना जा रहा है कि मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच उन्हें हाजिर होने के लिए जल्द समन भेज सकती है। पोर्नोग्राफी के इस मामले में अब तक राज कुंद्रा सहित 11 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है। चार लोगों को राज से पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका था। गिरफ्तार लोगों के बयान के बाद राज कुंद्रा पर यह कार्रवाई की गई। मुंबई क्राइम ब्रांच ने फरवरी 2021 में अश्लील फिल्में बनाने और उन्हें अलग-अलग ओटीटी प्लेटफॉर्म पर रिलीज करने का एक केस दर्ज किया था। केस दर्ज होने के बाद से ही पुलिस ने कई अलग-अलग जगहों पर छापेमारी की थी। राज की गिरफ्तारी के बाद कुछ वॉट्सऐप चैट सामने आई हैं जिनसे ये खुलासा हो रहा है कि राज ने अश्लील फिल्म बनाने के कारोबार से तगड़ी कमाई की है। वायरल वॉट्सऐप समूह का एडमिन राज हैं। इस ग्रुप पर राज अपने रिश्तेदार और पोर्न मूवी बनाने वाली कंपनी केनरिन प्रोडक्शन हाउस के चेयरमैन प्रदीप बक्शी से पैसे के लेन-देन और कंटेंट पोस्टिंग के बारे में चर्चा कर रहे हैं। पांच लोगों के इस ग्रुप में प्रदीप और राज के बीच बिजनेस में घटने-बढ़ने वाली कमाई, मार्केटिंग स्ट्रेटजी, सेल्स में बढ़ोतरी, पोर्न एक्ट्रेस को कमाई मिली या नहीं, इस बारे में खुलकर चर्चा होती थी। मामले की जांच कर रही पुलिस का कहना है कि मुंबई फिल्म इंडस्ट्री में काम की तलाश में आने वाली जरूरतमंद लड़कियों को बड़ी फिल्मों में रोल दिलाने के नाम पर फंसाया जाता था। हर हफ्ते फिल्म रिलीज की जाती थी। राज कुंद्रा ने पोर्न फिल्म इंडस्ट्री में 8 से 10 करोड़ रुपये का निवेश किया था। राज कुंद्रा और उनके ब्रिटेन में रह रहे भाई ने वहीं केनरिन नाम की एक कंपनी बनाई है। फिल्मों के वीडियो भारत में शूट किए गए थे और वी ट्रांसफर (ये एक फाइल ट्रांसफर सर्विस है) के जरिए उन्हें केनरिन को भेजा गया। ये कंपनी राज कुंद्रा ने ही बनाई और विदेश में रजिस्ट्रेशन करवाया ताकि भारत के साइबर लॉ से बच सकें। इस मामले में आईटी एक्ट, 2009 की धारा 67 (ए) और आईपीसी की धारा 292, 293, 294, 500, 506 और 509 के तहत सजा का प्रावधान किया गया है। अपराध की गंभीरता के आधार पर पहले अपराध में पांच साल तक की जेल या 10 लाख रुपये तक का जुर्माना हो सकता है। हालांकि, एक और अपराध के लिए कारावास को 7 साल तक बढ़ाया भी जा सकता है।