हर छात्र के अंदर एक सुभाष बसता है : प्राचार्य वर्मा

उत्तरप्रदेश लाइव राष्ट्रीय वाराणसी


वाराणसी। नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जंयती पर पीएमश्री केवि 39 जीटीसी में गुरुवार को सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। सुभाष के साहस पर जहां छात्रों ने कविता पाठ किया वहीं शिक्षकों ने उनके जीवन दर्शन से छात्रों को प्रेरित किया। इस दौरान प्राचार्य डॉ चन्द्र भूषण प्रकाश वर्मा ने कहा कि हर छात्र के अंदर एक सुभाष चंद्र है। जरूरत है उसे पहचानने की और सुभाष की तरह नेतृत्व क्षमता विकसित करने की। खुद में नेतृत्व क्षमता विकसित कर हर छात्र सुभाष चंद्र जैसा बन सकता है।
पीएमश्री केवि 39 जीटीसी में गुरुवार को सुभाषचंद्र बोस की जयंती पर पराक्रम दिवस का आयोजन किया गया l प्राचार्य डॉ चन्द्र भूषण प्रकाश वर्मा ने नेताजी के चित्र पर माल्यार्पण कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। प्राचार्य डॉ चन्द्र भूषण प्रकाश वर्मा ने कहा कि छात्र जीवन में नेतृत्व क्षमत विकसित कर हर विद्यार्थी सुभाष चंद्र जैसा बन सकता है। नेताजी की विशेषता भी यही थी। छात्र जीवन से ही उनमें नेतृत्व की क्षमता दिखने लगी थी। तभी उन्होंने जापान के सहयोग से ‘आजाद हिंद फौज’ का गठन किया था और आजादी की लौ विदेश में भी जलाई। सुभाषचंद्र बोस ने जर्मनी में स्वतंत्र भारत रेडियो की स्थापना कर भारत की आजादी के लिए लोगों को आह्वान किया था। उन्होंने बताया कि सुभाष आज भी लोगों के जीवन में अपनी देशभक्ति के कारण जिंदा हैं। बेशक यह दावा किया जाता है कि 18 अगस्त 1945 को ताइहोकु हवाई अड्डे पर हुए विमान हादसे में उनकी मौत हो गई थी, लेकिन आजतक इसका प्रमाण नहीं मिला। यही कारण है कि बहुत लोग इसे नहीं मानते हैं। कई लोगों को मानना हे कि यूपी में रहने वाले गुमनामी बाबा ही नेताजी थे। 11 की छात्रा कु. वैष्णवी ने स्वरचित ‘सुभाष की हुंकार’ कविता से सुभाष के जीवन और संघर्ष गाथा की प्रस्तुति दी। कार्यक्रम के अंत में शिक्षकों ने ‘जय हिंद’, ‘दिल्ली चलो’, ‘तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा’ नारों से नेताजी को नमन किया।

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