रोम।
पांच दिवसीय दौरे पर इटली गए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को पोप फ्रांसिस के सथ बैठक की। इस दौरान दोनों के बीच धरती को बेहतर बनाने के लिए जलवायु परिवर्तन से लड़ने तथा गरीबी को दूर करने जैसे कई मुद्दों पर चर्चा हुई।मोदी ने पोप को भारत आने का न्यौता दिया। वहीं शनिवार को रोम स्थित रोमा कन्वेंशन सेंटर पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भव्य स्वागत हुआ।
रोमा कन्वेंशन में दुनिया के तमाम देश जी20 शिखर सम्मेलन चल रहा है। जनता, पृथ्वी व समृद्धि थीम पर आयोजित जी20 के शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भाग लिया। यह आठवां सम्मेलन है जिसमें मोदी शामिल हए। विदेश मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया कि पोप ने महामारी के दौरान जरूरतमंद देशों को भारत की सहायता की सराहना की। इसके अलावा अन्य देशों के नेताओं ने कोविड-19 महामारी और दुनिया भर के लोगों के लिए इसके परिणामों पर बात की। उन्होंने जलवायु परिवर्तन से उत्पन्न चुनौती पर भी गहराई से चर्चा की। विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी ने यूरोपीय आयोग व परिषद के अध्यक्षों व इटली के पीएम के साथ बैठक की थी। इस दौरान जलवायु परिवर्तन, अफगानिस्तान व अन्य क्षेत्रीय व वैश्विक हितों पर चर्चा हुई थी। इस दौरान रोमा कन्वेंशन सेंटर में ‘पारिवारिक फोटो’ के लिए पीएम नरेंद्र मोदी और अन्य देशों के नेताओं ने हिस्सा लिया। इटली के प्रधानमंत्री मारियो द्राघी खुद पीएम मोदी को रिसीव करने पहुंचे थे। इससे पहले पीएम मोदी ने यूरोपियन परिषद के अध्यक्ष चार्ल्स मिशेल व यूरोपीय आयोग के अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन से भी मुलाकात की थी। प्रधानमंत्री मोदी और अन्य देशों के नेता ‘वैश्विक अर्थव्यवस्था और स्वास्थ्य सत्र में शामिल हुए। गौरतलब है कि मोदी पहले भारतीय प्रधानमंत्री हैं, जिनसे फ्रांसिस ने 2013 में पोप बनने के बाद मुलाकात की है। इससे पहले किसी भारतीय प्रधानमंत्री की किसी पोप से आखिरी मुलाकात 1999 में हुई थी, जब अटल बिहारी वाजपेयी प्रधानमंत्री थे और पोप जॉन पॉल द्वितीय भारत आए थे। सूत्रों ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी और पोप फ्रांसिस के बीच बैठक का समय केवल 20 मिनट निर्धारित था, लेकिन यह एक घंटे तक चली। वेटिकन में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और विदेश मंत्री एस जयशंकर भी मोदी के साथ मौजूद थे। प्रधानमंत्री ने वेटिकन सिटी के विदेश मंत्री कार्डिनल पिएत्रो पारोलिन से भी मुलाकात की। सूत्रों के मुताबिक, पोप ने कोरोना संक्रमण के दौरान दूसरे देशों की मदद करने पर भारत की तारीफ की। दोनों के बीच कोरोना महामारी के बाद लोगों के सामने आई परेशानी पर बात हुई। मोदी ने जलवायु परिवर्तन के मसले पर भारत द्वारा लिए गए प्रयासों के बारे में भी बताया। उन्होंने पोप को बताया कि किस देश के नागरिकों को 1 बिलियन वैक्सीन डोज किस तरह लगाए गए। ऐतिहासिक बैठक से पहले विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने शुक्रवार को कहा था कि मेरा मानना है कि परंपरा है कि जब परम पावन (पोप) से चर्चा होती है तो कोई एजेंडा नहीं होता और हम इसका सम्मान करते हैं। मैं आश्वस्त हूं कि इस दौरान आम तौर पर वैश्विक परिदृश्य और उन मुद्दों को लेकर जो हमारे लिए महत्वपूर्ण है, चर्चा में शामिल होंगे।