नई दिल्ली। टीएलआई
देश के अंतरिक्ष क्षेत्र में सहभागिता निभाने की आकांक्षा रखने वाले उद्योगों के संगठन इंडियन स्पेस एसोसिएशन (आईएसपीए) का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को शुभारंभ किया। इस दौरान पीएम ने कहा कि देश में कभी इतनी निर्णायक सरकार नहीं रही। उन्होंने कहा कि खनन, कोयला, रक्षा और अंतरिक्ष जैसे क्षेत्र निजी उद्योगों के लिए खोले गए हैं। सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के बारे में उनकी सरकार की स्पष्ट नीति है कि जहां उसकी उपस्थिति की आवश्यकता नहीं है, उन क्षेत्रों को निजी उद्योगों के लिए खोला जाए।
आईएसपीए का वर्चुअल शुभारंभ करने के बाद पीएम ने कहा कि एक समय अंतरिक्ष क्षेत्र सरकारी क्षेत्र के समानार्थी बन गया था, लेकिन उनकी सरकार ने इस सोच को बदला है। उन्होंने कहा कि यह देश के लिए एक दिशा में नवाचार का समय नहीं है, बल्कि बहुआयामी नवोन्मेषिता का समय है। यह तब संभव होगा, जब सरकार सामर्थ्य प्रदान करने (इनेबलर) की भूमिका निभाएगी ना कि संभालने वाले (हैंडलर) की। उन्होंने कहा कि भारत में इतने बड़े स्तर पर सुधार दिख रहे हैं, क्योंकि उसका दृष्टिकोण स्पष्ट है, जो ‘आत्मनिर्भर भारत’ बनाने का है। यह केवल एक दृष्टिकोण नहीं है बल्कि सुविचारित योजना और समेकित आर्थिक रणनीति भी है। इसका उद्देश्य भारत को वैश्विक विनिर्माण का केंद्र बनाना है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत उन कुछ देशों में शामिल है, जिनके पास अंतरिक्ष क्षेत्र में ‘एंड टू एंड’ (एक सिरे से दूसरे सिरे तक निर्बाध आपूर्ति वाली) प्रौद्योगिकी है। उन्होंने कहा कि सरकार साझेदार के रूप में उद्योगों, युवा नवोन्मेषकों और स्टार्ट-अप की मदद कर रही है और करती रहेगी। निजीकरण को लेकर पीएम ने कहा कि अनेक क्षेत्रों को निजी उद्योगों के लिए खोलते हुए सरकार ने एक नियामक माहौल बनाया है, जिसमें राष्ट्रीय हित को और विभिन्न पक्षों के हितों को प्राथमिकता दी गई है। मोदी ने घाटे में चल रही सार्वजनिक क्षेत्र की एयरलाइन एअर इंडिया का निजीकरण करने में सरकार की सफलता का उल्लेख करते हुए कहा कि यह उसकी प्रतिबद्धता और गंभीरता को दर्शाता है। अंतरिक्ष क्षेत्र के लोगों द्वारा अपने विचार साझा किए जाने के बाद उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत की क्षमताओं पर यह अडिग विश्वास 21वीं सदी में सुधार लाने में अहम भूमिका निभा रहा है कि वह दुनिया के किसी अन्य देश से रत्ती भर भी कम नहीं है। इस दिशा में किसी भी अवरोध को हटाने की जिम्मेदारी सरकार की है और सरकार इसके लिए कोई कोर-कसर नहीं छोड़ रही। भारत में कभी इतनी निर्णायक सरकार नहीं रही। मोदी ने कहा कि अंतरिक्ष क्षेत्र और प्रौद्योगिकी से जुड़े सुधार इन प्रयासों का हिस्सा हैं।