नई दिल्ली। मन की बात में इस बार प्रधानमंत्री ने ‘मन की बात’ पर ही चर्चा की। उन्होंने कहा कि मन की बात मेरे लिए आस्था, पूजा और व्रत है। जैसे लोग ईश्वर की पूजा करने जाते हैं तो वहां से प्रसाद की थाल लाते हैं। मेरे लिए यह ईश्वर रूपी जनता जनार्दन के चरणों में प्रसाद के थाल की तरह है। यह मेरे मन की आध्यात्मिक यात्रा बन गया है। मार्च में आचार संहिता लगने के कारण अब तीन माह तक इसका प्रसारण नहीं होगा।
मन की बात कार्यक्रम के 110वें एपिसोड में प्रधानमंत्री मोदी ने विकास से लेकर चुनाव की तारीख तक की बात की। प्रधानमंत्री ने ड्रोन दीदी की चर्चा करते हुए कहा कि भारत की नारी-शक्ति हर क्षेत्र में प्रगति की नई ऊंचाइयों को छू रही है। उन्होंने कहा कि गांव-गांव में ड्रोन दीदी की इतनी चर्चा हो रही है, हर किसी की जुबान पर ये चल पड़ा है। अलग-अलग क्षेत्रों में नारी शक्ति की सफलता बेटियों के लिए ही नहीं सभी के लिए बहुत प्रेरक है। इस दौरान उन्होंने जीव संरक्षण और तकनीक पर भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि देश के अलग-अलग हिस्सों में वन्य जीव संरक्षण के लिए तकनीक का इस्तेमाल हो रहा है। केंद्र सरकार के प्रयासों से देश में बाघों की संख्या लगातार बढ़ रही है। यह सुखद है कि सफल प्रोफेशनल छोटे किसानों को आत्मनिर्भर बनाने के तरीके अपना रहे हैं। उन्होंने कहा कि मार्च के महीने में आचार संहिता लग जाएगी। ऐसे में मन की बात अब तीन माह बाद होगी। उन्होंने मन की बात के बार में कहा कि मन की बात को सरकार की परछाईं से दूर रखा है। इसमें सामूहिक शक्ति, देश की उपलब्धि की ही चर्चा होती है। यह पूरी तरह जनता का, जनता के लिए, जनता द्वारा तैयार कार्यक्रम है। अब अगले तीन महीने ततक मन की बात का प्रसारण नहीं होगा। लेकिन देश की उपलब्धियां नहीं रुकेंगी, इन्हें सोशल मीडिया पर डालते रहें।