नई दिल्ली। अर्पणा पांडेय
सरकार ने आम लोगों को महंगाई से कुछ राहत देने के लिए दिवाली की पूर्व संध्या पर महत्वपूर्ण कदम उठाया। ईंधन के दाम रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचने के बाद केंद्र ने बुधवार को पेट्रोल-डीजल पर उत्पाद शुल्क में क्रमश: 5 रुपये तथा 10 रुपये की कटौती की।
केंद्र की इस घोषणा से ईंधन की आसमान छूती कीमतों को नीचे लाने में मदद मिलेगी और महंगाई की मार झेल रहे आम आदमी को भी कुछ राहत मिलेगी। उत्पाद शुल्क में कमी 4 नवंबर से प्रभाव में आएगी। इसके साथ पेट्रोल की कीमत दिल्ली में मौजूदा 110.04 रुपये प्रति लीटर से घटकर 105.04 रुपये प्रति लीटर जबकि डीजल की कीमत 98.42 रुपये प्रति लीटर से घटकर 88.42 रुपये प्रति लीटर हो जाएगी। वित्त मंत्रालय ने एक बयान में कहा, भारत सरकार ने गुरुवार से पेट्रोल और डीजल पर केंद्रीय उत्पाद शुल्क में क्रमश: 5 रुपये और 10 रुपये की कमी करने का एक महत्वपूर्ण फैसला किया है। इससे पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कमी आएगी। हाल के महीनों में कच्चे तेल की कीमतों में वैश्विक स्तर पर उछाल देखा गया है। इस वजह से हाल के हफ्तों में पेट्रोल और डीजल की घरेलू कीमतों में वृद्धि हुई है, जिससे मुद्रास्फीति संबंधी दबाव बढ़ गया है। यह उत्पाद शुल्क में की गई अब तक की सबसे अधिक कमी है। इसके साथ मार्च 2020 से मई 2020 के बीच पेट्रोल एवं डीजल पर करों में 13 रुपये और 16 रुपये प्रति लीटर की वृद्धि का एक हिस्सा वापस ले लिया गया है। उत्पाद शुल्क में उस समय की वृद्धि से पेट्रोल पर केंद्रीय कर 32.9 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 31.8 रुपये प्रति लीटर के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया था। ईंधन की कीमतों में लगातार हुई वृद्धि की विपक्षी दलों ने कड़ी आलोचना की थी। खासकर कांग्रेस ने आलोचना करते हुए सरकार से उत्पाद शुल्क वापस लेने की मांग की थी। अंतरराष्ट्रीय तेल की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी के बाद देशभर में खुदरा दरों के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचने के बाद उत्पाद शुल्क में कमी की जा रही है। जहां सभी प्रमुख शहरों में पेट्रोल 100 रुपये प्रति लीटर से ऊपर है, वहीं डीजल ने कई राज्यों में यह स्तर पार कर लिया है।