लखनऊ। राजेंद्र तिवारी
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि 2014 से पहले प्रदेश में भ्रष्टाचार की साइकिल चलती थी। अब कर्मयोगियों की सरकार में विकास हो रहा है। बीमारियों से जूझने के लिए पिछली सरकारों ने यूपी को अपने हाल पर छोड़ दिया था। पहले स्वास्थ्य सुविधाओं समेत अन्य विकास कार्यों के पैसों से तिजोरियां भरती थीं, घोटाले होते थे। अब उन पैसों का उपयोग विकास में हो रहा है। पीएम ने कहा कि पहले की सरकारों में मेडिकल कॉलेज के लिए सिर्फ भूमि पूजन होता था, अब लोकार्पण भी होता है।
सिद्धार्थनगर में आयोजित जनसभा में यूपी के नौ मेडिकल कॉलेजों का उद्घाटन करने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि इन कॉलेजों से अब यूपी देश का मेडिकल हब बनेगा। पीएम ने कहा कि ‘पीएम आयुष्मान भारत हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर मिशन’ से देश के कोने-कोने में क्रिटिकल केयर नेटवर्क विकसित और मजबूत होगा। यह ‘होलिएस्टिक हेल्थ केयर’ की एक कड़ी है। उन्होंने कहा कि यह मिशन आर्थिक आत्मनिर्भरता का भी माध्यम बनेगा। कई तरह के रोजगार के अवसर पैदा होंगे। पीएम ने कहा कि नए कॉलेजों के कारण 10-12 वर्षों में यह प्रदेश देश में डॉक्टरों और पैरा मेडिकल स्टॉफ की कमी पूरी करेगा। पीएम ने कहा कि हम सात साल से बड़े स्तर पर काम कर रहे हैं। मैंने दिल्ली में पूरे देश के लिए गति शक्ति बड़ा इंफ्रास्ट्रक्टर लांच किया। अब दूसरा बड़ा मिशन हेल्थ को लेकर काशी से निकल रहे हैं। इससे रोजगार का भी वातावरण बनेगा। एक बड़ा अस्पताल बनता है तो आसपास शहर बस जाता है। इसलिए यह मिशन स्वास्थ्य के साथ आर्थिक मिशन भी है। उन्होंने कहा कि विकास कार्यों के लिए एग्रेसिव अप्रोच की जरूरत है। डेडिकेटेड इंफ्रास्ट्रक्चर के बिना देश का विकास नहीं हो सकता है। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने कहा कि हेल्थ सेक्टर में देश आत्मनिर्भरता की नई कहानी गढ़ रहा है। देश में स्वास्थ्य बजट आठ गुना बढ़ा है। 2014 में मोदी जी पीएम बने तो उस समय स्वास्थ्य बजट 33 हजार करोड़ था, जबकि सात साल में आठ गुना बढ़ गया। इस समय सरकार सवा दो लाख करोड़ रुपये खर्च कर रही है। मेडिकल एजुकेशन पर फोकस किया गया है। सिद्धार्थ नगर एवं वाराणसी में आयोजित जनसभाओं में उन्होंने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन का मानक एक हजार आबादी पर एक डॉक्टर का है, जबकि इस समय देश में 850 की आबादी पर एक डॉक्टर की सुविधा तक हम पहुंच गए हैं।