हल्द्वानी। सीमांत के उच्च हिमालयी क्षेत्रों की चोटियां ताजा हिमपात के बाद बर्फ से लकदक हो गई हैं। सोमवार रात धारचूला से लेकर मुनस्यारी के उच्च हिमालयी क्षेत्रों में ताजा हिमपात हुआ है। कई जगह बढ़ती ठंड के बाद नाले तक जम गए हैं। इधर उच्च हिमालयी क्षेत्रों में हुई बर्फबारी के बाद निचले इलाकों में भी कड़ाके की ठंड पड़ रही है।
मुनस्यारी के 2400 मीटर से अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बर्फबारी हुई है। बीते शाम यहां एकाएक मौसम ने रुख बदला और बर्फबारी शुरू हो गई, जो देर रात तक जारी रही। पंचाचूली, राजरम्भा, हसलिंग, छिपलाकेदार, मिलम, लास्पा, खलिया आदि इलाकों में हिमपात के बाद चोटियों ने बर्फ की सफेद चादर ओढ़ ली है। सबसे अधिक बर्फबारी मिलम में देखने को मिली है। यहां चार इंच के करीब बर्फ गिरी। कालामुनी और खलिया में दो-दो इंच, बलाती में एक इंच बर्फ गिरी। बर्फबारी के बाद न्यूनतम तापमान भी खासी गिरावट आई है। मिलम का न्यूनतम तापमान माइनस छह डिग्री पहुंच गया है। मुनस्यारी तहसील मुख्यालय में भी तापमान माइनस एक डिग्री दर्ज किया गया। दारमा और व्यास घाटी में भी ताजा हिमपात हुआ है। इससे चारों तरफ बर्फ ही बर्फ दिखाई दे रही है। बर्फबारी के कारण दारमा और व्यास घाटी के अधिकतर प्राकृतिक स्रोत, नल और नालों में बहने वाला पानी जम गया है। लोग बर्फ को पिघलाकर अपनी प्यास बुझाने को मजबूर हैं। गुंजी में भी बर्फबारी के बाद कड़ाके की ठंड पड़ रही है। इधर भारत चीन सीमा की सुरक्षा के लिए एसएसबी के जवान बर्फ के बीच भी जुटे हुए हैं। मंगलवार को समवाय गूंजी के समवाय प्रभारी निरीक्षक अविरंजन कुमार के नेतृत्व में सात अन्य जवानों ने गूंजी से नचेती गाड़ तक गश्त की। रात में हुई अत्यधिक बर्फबारी के उच्च हिमालयी क्षेत्रों में तापमान माइनस 19 डिग्री तक पहुंच रहा है। मौसम के बदले रूख के बावजूद सीमांत में लोग बारिश के लिए जूझ रहे हैं। आपदा प्रबंधन विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक बीते 24 घंटे में केवल जिला मुख्यालय में बारिश हुई है। वह भी एक एमएम से कम। जबकि अन्य तहसीलों में कहीं भी बारिश नहीं हुई। दिनभर बादल छाए रहने और ठंडी हवाओं से यहां मौसम में ठंडक बनी हुई है।