इस्लामाबाद। पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर ने कहा कि देश में मित्र के वेश में जो शत्रु हैं उन्हें बख्शा नहीं जाएगा। 18 सैनिकों की मौत के बाद वह शनिवार को क्वेटा के दौरे पर पहुंचे थे।
मुनीर ने क्षेत्र की सुरक्षा स्थिति का जायजा भी लिया और कहा कि विदेशी आकाओं के इशारे पर आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने वाले मित्र शत्रुओं को मार गिराया जाएगा। विदेशी आकाओं का हुक्म मानने वाले इन लोगों ने शिकारी कुत्ते के साथ शिकार करने और खरगोश के साथ दौड़ने का दोगलापन दिखाने की कला में महारत हासिल कर ली है, उन्हें हम अच्छी तरह से जानते हैं। शत्रु चाहे कुछ भी कर लें, हमारा गौरवशाली राष्ट्र और इसके सशस्त्र बल आपको निश्चित रूप से पराजित करेंगे। जब भी आवश्यकता होगी, हम अपनी मातृभूमि और इसके लोगों की रक्षा के लिए निश्चित रूप से जवाबी कार्रवाई करेंगे और आप कहीं भी होंगे, आपको ढूंढ़ निकालेंगे। बलूचिस्तान में लगातार होने वाले हमलों के पीछे यहां की आजादी सबसे बड़ा मुद्दा है। इस प्रांत के लोग पाकिस्तान से आजादी चाहते हैं इसलिए उन्होंने हथियार उठा लिए हैं। बलूचिस्तान में 20 ऐसे संगठन हैं, जिन्हें पाक सरकार ने आतंकी संगठन घोषित कर रखा है। बलूच लिबरेशन आर्मी, बलूचिस्तान लिबरेशन फ्रंट बीएलएफ, लश्कर-ए-बलूचिस्तान, बलूचिस्तान लिबरेशन, यूनाइटेड फ्रंट, बलोच स्टूडेंट्स ऑर्गेनाइजेशन, बलोच नेशनलिस्ट आर्मी, बलोच रिपब्लिकन आर्मी और यूनाइटेड बलोच आर्मी जैसे संगठन हैं, जो बलूचिस्तान की आजादी के लिए लड़ते रहते हैं। इस प्रांत की सीमाएं ईरान,अफगानिस्तान और अरब सागर से भी लगती हैं। अंसार-उल-फुरकान सुन्नी बलोच मिलिटेंट ग्रुप है। इसके अलावा जैश-उल-अदल, हरकत-अंसार, हिजबुल-फुराकान, इस्लामिक स्टेट, आईएसआईएस-खोरासान, तहरीक-ए-तालिबान, लश्कर-ए-झांगवी और सिपाह-ए-शहाबा जैसे ग्रुप्स भी बलूचिस्तान में आतंकी हमलों के लिए कुख्यात हैं। इनके निशाने पर अक्सर सेना और सरकार रहती है।