नई दिल्ली। भारत ने गुरुवार को पाकिस्तानी सेना के प्रमुख की विवादित टिप्पणियों पर करारा जवाब दिया। भारत ने कहा कि जम्मू-कश्मीर भारत का केंद्रशासित प्रदेश है। पाकिस्तान से कश्मीर से एकमात्र संबंध यही है कि वह भारत के अवैध रूप से कब्जे वाले क्षेत्र (पीओके) को खाली करे।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जैसवाल ने प्रेसवार्ता में पाकिस्तानी सेना के प्रमुख जनरल मुनीर की टिप्पणियों को खारिज कर दिया। दरअसल, पिछले दिनों एक कार्यक्रम में मुनीर ने जहरीले बोल बोलते हुए कश्मीर को पाकिस्तान के ‘गले की नस’ बताया था और कहा था कि कोई भी कश्मीर को उनके देश से अलग नहीं कर पाएगा। इस बयान पर जैसवाल ने कड़ी निंदा करते हुए कहा कि कोई विदेशी चीज गले में कैसे अटक सकती है। यह भारत का एक केंद्रशासित प्रदेश है। इसका मतलब है कि किसी बाहरी शक्ति का भारत के आंतरिक मामलों में कोई अधिकार नहीं है। दरअसल, यह बयान सीधे तौर पर पाकिस्तान के उस लंबे समय से चले आ रहे रुख पर करारा प्रहार है, जिसमें वह कश्मीर को अपना हिस्सा बताता आया है। 26/11 मुंबई हमलों के आरोपी तहव्वुर राणा से अपना पल्ला झाड़ने के पाकिस्तान के प्रयासों पर जैसवाल ने तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, राणा का भारत को प्रत्यर्पण पाकिस्तान को एक कड़ा संदेश देता है। यह बताता है, ‘पाकिस्तान लाख कोशिश कर ले, लेकिन वैश्विक आतंकवाद के केंद्र के रूप में उसकी प्रतिष्ठा कम नहीं होगी।’ उन्होंने कहा, ‘राणा का प्रत्यर्पण पाकिस्तान के लिए एक चेतावनी है कि उसे मुंबई हमलों के अन्य अपराधियों को भी न्याय के कटघरे में लाना होगा, जिन्हें वह अब भी बचा रहा है।’ 64 वर्षीय राणा को अमेरिका द्वारा प्रत्यर्पण की सभी बाधाएं दूर करने के बाद 10 अप्रैल को भारत लाया गया था। वह अब भारतीय जांच एजेंसियों की हिरासत में है। विदेश मंत्रालय ने भगोड़े कारोबारी मेहुल चोकसी पर जानकारी दी कि वह प्रत्यर्पण के लिए बेल्जियम के साथ मिलकर काम कर रहा है। जैसवाल ने कहा, हमारे प्रत्यर्पण अनुरोध के आधार पर उसे गिरफ्तार किया गया। हम उसके प्रत्यर्पण के लिए बेल्जियम के साथ मिलकर काम कर रहे हैं ताकि वह देश में मुकदमे का सामना कर सके। दरअसल, चोकसी को भारत सरकार के औपचारिक अनुरोध पर शनिवार को बेल्जियम के एंटवर्प में गिरफ्तार किया गया था। बता दें, चोकसी 13,500 करोड़ रुपये के बैंक ऋण धोखाधड़ी मामले में भारतीय जांच एजेंसियों को वांछित है। भारत ने कहा कि कैलाश मानसरोवर यात्रा जल्द ही दोबारा बहाल होने की उम्मीद है और इसकी तैयारियां की जा रही हैं। प्रवक्ता जैसवाल ने बताया कि भारत और चीन दोनों देशों के बीच उड़ान सेवाएं फिर से शुरू करने पर सैद्धांतिक रूप से सहमत हो गए हैं और प्रासंगिक तौर-तरीकों पर काम किया जा रहा है। कैलाश मानसरोवर यात्रा और उड़ान सेवाओं को फिर से शुरू करने का कदम भारत और चीन द्वारा पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर चार साल से अधिक समय से चल रहे सैन्य गतिरोध की वजह से प्रभावित संबंधों को सुधारने के प्रयासों का हिस्सा है। विदेश मंत्रालय ने कहा, शीघ्र ही कैलाश मानसरोवर यात्रा पर सार्वजनिक सूचना जारी करेंगे। यात्रा इस वर्ष होगी और इसकी तैयारियां कर रहे हैं। जल्द ही जनता के लिए अधिक जानकारी उपलब्ध कराई जाएगी। दरअसल, कैलाश मानसरोवर यात्रा 2020 के बाद से नहीं हुई है। उनके मुताबिक, दोनों पक्षों की तकनीकी टीम उड़ान सेवाओं को फिर से शुरू करने के लिए सहमत हो गए हैं और तकनीकी व्यवस्थाओं पर विचार कर रहे हैं। दोनों नागरिक विमानन प्राधिकरणों की बैठक हुई है और वे प्रासंगिक तौर-तरीकों पर चर्चा कर रहे हैं। पिछले महीने, भारत और चीन ने संबंधों को फिर से बेहतर बनाने के तरीकों पर विचार किया और लोगों के बीच आदान-प्रदान को बढ़ावा देने के लिए प्रयास शुरू करने पर सहमति व्यक्त की। विदेश मंत्रालय ने कहा कि वक्फ संशोधन अधिनियम भारत का आंतरिक मामला है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि संशोधनों का उद्देश्य कानून को और अधिक प्रगतिशील और समावेशी बनाना है, जिसका उद्देश्य लक्षित लाभार्थियों को लाभ पहुंचाना है। जैसवाल ने कहा, वक्फ विधेयक के सभी तत्व भारत का आंतरिक मामला हैं।
