इस्लामाबाद।
पाकिस्तान दुनिया के उन दस देशों में शामिल है, जिन पर विदेशी कर्ज का बोझ सबसे ज्यादा है। इसी के साथ वह कर्ज सेवा निष्काशन पहल (डीएसएसआई) से बाहर किए जाने का पात्र बन गया है। विश्व बैंक की सोमवार को जारी रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है।
‘इंटरनेशनल डेब्ट स्टैटिस्टिक्स-2022’ में विश्व बैंक ने बताया कि अंगोला, बांग्लादेश, इथिओपिया, घाना, केन्या, मंगोलिया, नाइजीरिया, पाकिस्तान, उज्बेकिस्तान और जांबिया सर्वाधिक विदेशी कर्ज का सामना करने वाले देश हैं। उन पर 2020 के अंत तक कुल 509 अरब डॉलर (लगभग 38175 अरब रुपये) का विदेशी कर्ज था। यह धनराशि दिसंबर 2019 के मुकाबले 12 फीसदी ज्यादा है। वहीं, डीएसएसआई के पात्र सभी देशों से तुलना करें तो उपरोक्त रकम शीर्ष दस मुल्कों के कुल कर्ज से 59 फीसदी अधिक है। रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान पर विदेशी कर्ज आठ फीसदी की दर से बढ़ा है। वहीं, मुल्क में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) में पांच प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है।