वाशिंगटन। एआई के जरिये फोटो और वीडियो बनाकर यौन शोषण करने का मामला बढ़ने लगा है। अमेरिका की एक संस्था ने एक रिपोर्ट का दावा है कि कोरोना के बाद से बाल यौन अपराध की घटनाओं में 12 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई है। दावा किया गया है कि बच्चों से यौन शोषण की रिपोर्ट सबसे ज्यादा फेसबुक और इंस्टाग्राम सोशल मीडिया से आई हैं। रिपोर्ट के अनुसार, भारत में भी हर दो में से एक बच्चा ऑनलाइन बाल यौन शोषण का शिकार होता है। कोविड के दौरान ऑनलाइन व्यवस्था में तेजी आने से अपराध की दर में भी बढ़ोतर हुई है। वाशिंगटन में बच्चो के लिए काम करने वाली एजेंक्लीयरिंग हाउस नेशनल सेंटर फॉर मिसिंग एंड एक्सप्लॉइटेड चिल्ड्रन (एनसीएमईसी) संगठन ने रिपोर्ट जारी की है।
एनसीएमईसी के मुताबिक, 2023 में एआई से बने बच्चों के यौन शोषण से जुड़ी फोटो 41 फीसदी और 23 फीसदी वीडियो मिले। वहीं वित्तीय यौन उत्पीड़न की घटनाओं में 20 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। इसमें से 10 फीसदी बच्चों से जबरन वसूली भी की गई। संगठन के प्रवक्ता ने बताया कि केंद्र को एआई वाले फोटो, वीडियो की 4,700 रिपोर्टें मिलीं। इसे अलावा 2023 में साइबर टिपलाइन को ऑनलाइन प्रलोभन के संबंध में कुल 186,000 से अधिक रिपोर्टें प्राप्त हुईं, जबकि 2021 में 44,155 रिपोर्टें मिली थीं। यह तुलना में 300 फीसदी से अधिक है। रिपोर्ट में कहा गया कि दुनियाभर में भ्रामक और गलत पहचान के जरिये डोमेन नाम बनाने की तादात भी बढ़ी है। पिछले साल संगठन को कुल छह हजार से अधिक गलत डोमेन नाम संबंधी रिपोर्ट मिली, जो 2022 में 1,948 से तीन गुना ज्यादा है। विशेषज्ञों के मुताबिक, इन गलत डोमेन नाम की वजह से ही बच्चों से यौन उत्पीड़न की घटनाओं में वृद्धि हो रही है। क्योंकि कई बार डोमेन किसी सेलिब्रिटी, जानने वाले के नाम पर रखा जाता है और बच्चे उत्साहित होकर संपर्क में आ जाते हैं। पिछले साल जारी एनसीआरबी की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में लगभग 28 फीसदी से ज्यादा बच्चों ने किसी न किसी प्रकार के यौन अपराध का अनुभव किया। इसमें से सिर्फ 65.6% अपराध ही दर्ज किए गए।