लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि वह तीर्थ नैमिषारण्य को अयोध्या धाम, काशी धाम, महाकाल धाम, बद्रीनाथ, केदारनाथ की तरह विकसित करेंगे। उस दिशा में काम चल रहा है। उन्होंने कहा कि पांच सदी के बाद अयोध्या धाम के दीपोत्सव को नई पीढ़ी ने देखा है। नई पहचान मिली है। यह सभी धाम सनातन की विरासत हैं। इसे नया स्वरूप देने का संकल्प प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लिया है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ यहां तीर्थ नैमिषारण्य के स्कंदाश्रम में जगन्माता माता राजराजेश्वरी मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होने आए थे। साधु-संतों और देश के विभिन्न भागों से आए महामंडलेश्वरों के साथ उन्होंने मंदिर में पूजा अर्चना की और परिक्रमा कर अनुष्ठान में शामिल हुए। उन्होंने कहा कि नैमिषारण्य का वर्णन अनेक धर्म ग्रंथों में है। रामचरित मानस में भी इसका महिमा गान हुआ है। भगवान वेद व्यास के सानिध्य में 88 हजार ऋषियों ने यहां साधना की है। उन्होंने कहा कि पंथ-सम्पद्राय आते-जाते रहेंगे। पूजा पद्धतियां बदलती रहेंगी लेकिन सनातन शाश्वत है। यही सृष्टि का धर्म है। सनातन मानवता का धर्म है। सनातन पर खतरा आएगा तो मानवता पर खतरा आएगा। मानवता को बचाना है तो सनातन को बचाना होगा।
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि नैमिष तीर्थ को नया रूप देने के लिए अनेक कदम उठाए जा रहे हैं। सरकार इसके लिए प्रतिबद्ध है। मुख्यमंत्री ने कहा कि चार साल पूर्व काशी की गलियों में लोग जाने से कतराते थे अब वहां नया रूप सामने आया। अयोध्या में विरासत को नया रूप देने से वहां के लोगों का 30 गुना कारोबार व आमदनी में बढ़ोतरी हुई है। यह समग्र तौर पर है। कार्यक्रम में श्री राजराजेश्वरी मंदिर महंत स्वामी हीरापुर और मध्य प्रदेश विधानसभाध्यक्ष नरेन्द्र सिंह तामर ने भी विचार रखे।