नई दिल्ली। वैज्ञानिकों ने एक ऐसा डिवाइस बनाया है जो सैटेलाइट की लांचिंग में महत्वपूर्ण मानेजाने वाले रॉकेट की जगह लेगा। इस डिबाइस की मदद से बना रॉकेट ही सैटेलाइट की लांचिंग हो जाएगी।
रॉकेट के जरिए सैटेलाइट को अंतरिक्ष में भेजा जाता है, लेकिन अब बगैर रॉकेट ही ये अंतरिक्ष में पहुंच जाएंगे। कैलिफोर्निया की कंपनी स्पिन लॉन्च ने एक ऐसे डिवाइस को विकसित किया है जो सैटेलाइट को तेज गति से अंतरिक्ष में फेंकने की क्षमता रखता है। इस नई तकनीक के तहत विशालकाय रोटेटिंग आर्म को विकसित किया गया है। यह डिवाइस अंतरिक्ष में सैटेलाइट के पहुंचने के तरीके में बड़ा बदलाव लाएगा। अब तक वैज्ञानिक सैटेलाइट को अंतरिक्ष में भेजने के लिए लाखों रुपये खर्च करते आए हैं। लेकिन इस नए डिवाइस से रॉकेट या इसके ईंधन में होने वाले अधिक खर्च की बचत होगी। यह तकनीक पूरी तरह बिजली से संचालित होगी। इससे पर्यावरण पर असर नहीं के बराबर होगा। प्रत्येक सैटेलाइट लॉन्च में इस्तेमाल होने वाले रॉकेट का असर ओजोन की परत पर होता है। इस नई तकनीक पर स्पिन लॉन्च अनेक सफल परीक्षण कर चुका है। कंपनी के संस्थापक जोनाथ याने ने कहा, ‘यह रॉकेट नहीं है। कंपनी की योजना 2026 तक कई सैटेलाइट को लॉन्च करने की है। सैटेलाइट का काम धरती पर मिथेन लीक जैसी समस्या का पता लगाने के साथ ही विभिन्न तरह के शोध करना है। संचार, मौसम की भविष्यवाणी, प्राकृतिक आपादाओं की चेतावनी देने के साथ सैटेलाइट से सूर्य से आने वाली खतरनाक किरणों पर नजर रखी जाती है।