पटना। राजेंद्र तिवारी
बिहार में 100 से ज्यादा बच्चों की मौत पर कोहराम मच गया है। मुजफ्फरपुर के एसकेएमसीएच में बच्चों को देखने पहुंचे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को परिजनों के विरोध का सामना करना पड़ा। गुस्साए परिजनों ने नीतीश वापस जाओ के नारे लगाए। हालांकि सोमवार को मुख्यमंत्री ने एईएस और लू से निपटने के लिए आपात बैठक बुलाई थी। जिसमें मुजफ्फरपुर में एसकेएमसीएच परिसर में 100 बेड का नया पीडियाट्रिक आईसीयू बनाने का फैसला और एईएस के कारण जान गंवाने वाले बच्चों के परिजनों को चार-चार लाख रुपये मुआवजा देने का निर्णय लिया गया।
मिली जानकारी के अनुसार बिहार के मुजफ्फरपुर में एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) की चपेट में सैकड़ों बच्चे आ गए हैं। सूत्रों के अनुसार इस बीमारी से अब तक सवा सौ से ज्यादा बच्चों की मौत हो गई है। सूत्रों ने बताया कि पिछले 17 दिनों में 128 बच्चों की मौत होने के बाद बिहार में कोहराम मच गया है। मंगलवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मुजफ्फरपुर के श्रीकृष्ण मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल बच्चों को देखने पहुंचे। नीतीश के पहुंचते ही लोगों ने उनका विरोध श्ुारू कर दिया। स्थानीय लोगों ने एसकेएमसीएच अस्पताल के बाहर उनके खिलाफ प्रदर्शन की और नीतीश गो बैक और मुर्दाबाद के नारे लगाए। बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री ने अस्पताल पहुंचकर आईसीयू में भर्ती बच्चों को देखा और उनके परिजनों से बात की। उन्होंने डॉक्टरों से कहा कि दिमागी बुखार के लिए जो वायरस जिम्मेदार है उसका पता लगाइये। वहीं एसकेएमसीएच अस्पताल के बाहर पीड़ित बच्चों के परिजनों ने हंगामा किया क्योंकि उन्हें मुख्यमंत्री से मिलने नहीं दिया गया। वह अस्पताल की खराब स्थिति से नाराज हैं। सूत्रों के अनुसार लोगों का कहना है कि वह मुख्यमंत्री से मिलकर बात करना चाहते हैं लेकिन अस्पताल प्रशासन उन्हें इसकी इजाजत नहीं दे रहा है। बिहार के नगर विकास मंत्री सुरेश शर्मा ने कहा कि एईएस के प्रकोप के कारण एक समीक्षा बैठक आयोजित की गई थी। अभी तक 200 बच्चों का इलाज करके उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है। उधर, बच्चों की लगातार हो रही मौत की खबर के बीच मुख्यमंत्री का इस मुद्दे पर चुप्पी पर विपक्ष भी अब सवाल उठाने लगा है।