देहरादून। अनीता रावत
तभारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान एम्स ऋषिकेश में निदेशक पद्मश्री प्रोफेसर रवि कांत की देखरेख में शनिवार को न्यूरोलॉजिकल सर्जन सोसाइटी ऑफ इंडिया का राष्ट्रीय सेमिनार विधिवत शुरू हो गया। जिसमें स्नातकोत्तर विद्यार्थियों (ट्रेनी न्यूरो सर्जन्स ) को संबंधित विषय का प्रशिक्षण दिया गया।
न्यूरोलॉजिकल सर्जन सोसाइटी ऑफ इंडिया (एनएसएसआई) की ओर से आयोजित दो दिवसीय संगोष्ठी के शुभारंभ अवसर पर अपने संदेश में एम्स निदेशक पद्मश्री प्रोफेसर रवि कांत ने बताया कि टेक्नोलॉजी पर लगातार बढ़ती निर्भरता के चलते चिकित्सकों में मरीजों के परीक्षण का हुनर धीरे -धीरे खत्म होता जा रहा है, जो कि चिंता का विषय है। निदेशक एम्स प्रो.रवि कांत ने उम्मीद जताई कि इस तरह की राष्ट्रीय स्तर की कार्यशालाओं के आयोजन से भावी पीढ़ी के न्यूरो सर्जनों को मरीजों के इलाज में दक्षता प्राप्त होगी। इस अवसर पर कार्यशाला के पहले दिन देश के विख्यात न्यूरो विशेषज्ञ पूर्व निदेशक व सैफई यूनिवर्सिटी के उपकुलपति प्रो.राजकुमार,मैक्स देहरादून के प्रो.एके सिंह, जयपुर के प्रो.आरएस मित्तल, त्रिवेंद्रम के डा.अनिल पीतांबरम,निम्हांस के प्रो.विकास व एम्स ऋषिकेश के डा.रजनीश अरोड़ा ने पोस्टग्रेजुएट प्रशिक्षुओं को न्यूरोलॉजी व न्यूरो सर्जरी से संबंधित प्रशिक्षण दिया। जिसमें प्रतिभागियों को जटिल न्यूरोलॉजिकल बीमारियों से जूझ रहे मरीजों के बारे में प्रशिक्षित किया गया। डीन प्रो.सुरेखा किशोर ने भी व्याख्यान दिया। इस अवसर डा निशांत गोयल, डा.जितेंद्र चतुर्वेदी, प्रो शालिनी राव, डा.सुरेश शर्मा,डा.शोभा एस.अरोड़ा, प्रो.सौरभ वाष्र्णेय, प्रो.प्रतिमा गुप्ता, डा.मोहम्मद कमर आजम,डा.संजय अग्रवाल,डा.पंकज कंडवाल,डा.बलराम जीओमर, डा.शिव कुमार मौद्गिल,डा.कल्पना आदि मौजूद थे।