देहरादून। अनीता रावत
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान एम्स ऋषिकेश में न्यूरो बायो कैमेस्ट्री वर्कशॉप विधिवत शुरू हो गई। कार्यशाला में प्रतिभागियों को विभिन्न टेस्ट व प्रयोगों का प्रशिक्षण दिया जाएगा, साथ ही उनसे भी प्रयोग कराए जाएंगे। संस्थान में रविवार को बतौर मुख्य अतिथि एम्स निदेशक पद्मश्री प्रोफेसर रवि कांत ने पांच दिवसीय कार्यशाला का शुभारंभ किया। इस दौरान निदेशक एम्स ने कहा कि मरीजों की बेहतरीन देखभाल व अनुसंधान संस्थान का मुख्य उद्देश्य है। एम्स बेहतर ढंग से अपने उद्देश्य की ओर तेजी से आगे बढ़ रहा है।
एम्स निदेशक पद्मश्री प्रो.रवि कांत कहा कि बायोकेमिस्ट्री, माइक्रो बायोलॉजी व पैथोलॉजी तीनों विभागों को मिलजुल कर मरीज के बेहतरीन उपचार के लिए कार्य करना चाहिए। एम्स निदेशक ने कहा कि रोगियों की बेहतरी के लिए नए नए अनुसंधान व अलग हटकर सोचना चिकित्सक की प्राथमिकता होनी चाहिए। निदेशक प्रो.रवि कांत ने बायोकेमिस्ट्री की पढ़ाई को मरीजों की देखभाल से जोड़ने की जरूरत बताई। जिससे विद्यार्थियों में विषय के प्रति रुचि बढ़ेगी और वह इसे याद रखेंगे। कार्यशाला के पहले दिन प्रतिभागियों को विभिन्न टेस्ट व प्रयोग करने को दिए गए, साथ ही उन्हें इसका प्रयोगात्मक प्रशिक्षण भी दिया गया। कार्यशाला में डा मनीषा नैथानी व डा.अनीसा आतिफ मिर्जा ने व्याखान दिए। इस दौरान उन्हें विभिन्न तकनीकियों कलरीमिट्री,कैमिक्ल्यूमिनेसेस,ईएलआईएसए आदि को न्यूरोलॉजिकल डिजिजेज के डाइग्नोसिस में कैसे इस्तेमाल किया जाए इसकी जानकारी दी गई। इन रोगों में विशेषकर विल्संस डिजिज, न्यूरो सिस्टीसरकॉसेस,मिर्गी में उपयोग होने वाली दवाओं की जांच और एनीमिया आदि से संबंधित जांच व उपचार के बाद मरीज की स्थिति के बारे में पूर्वानुमान करने में कैसे सहायक है इस बाबत विस्तार पूर्वक बताया गया। इस अवसर पर अति विशिष्ट अतिथि प्रोफेसर बीना रवि, डीन एकेडमिक प्रो.सुरेखा किशोर, एडिशनल प्रोफेसर माइक्रो बायोलॉजी डा.बलरामजी ओमर,आयोजन सचिव प्रो.विवेका नंदन, प्रो.सत्यावती राना, डा.सरमा शाह,डा.बेला गोयल, डा.किरन मीणा आदि मौजूद थे। आयोजन में डा.स्वाति, शशि रंजन, देवेना,बृजेश, ज्योति आदि ने सहयोग किया।