नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को लालकिला में नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 122वीं जयंती पर इंडियन नेशनल आर्मी संग्रहालय का उद्घाटन किया।
जानकारी के अनुसार लालकिला में स्थित इस बैरक का प्रयोग ब्रिटिश सेना किया करती थी। लेकिन इब इनका जीर्णोद्धार कर संग्रहालय में तब्दील कर दिया गया है। यह पूरी तरह से अत्याधुनिक है। इतिहास की जानकारी देने के लिए पैनल बोर्ड और डिजिटल तकनीक का प्रयोग भी किया गया है। दर्शक प्रोजेक्टर के जरिये भी संग्रहालयों से जुड़ी जानकारी ले सकेंगे। इतिहास से रूबरू कराने के लिए उन्हें प्रोजेक्टर पर फिल्म भी दिखाई जाएंगी। बैरक तीन में बने नेताजी सुभाष चंद्र बोस संग्रहालय में दर्शक उनके जीवन से जुड़े सभी घटनाक्रमों को जान सकेंगे। इस संग्रहालय के विभिन्न कक्षों में नेता जी के बचपन से लेकर और उनकी विमान यात्रा तक की जिंदगी और योगदान को दर्शाया गया है। इंडियन नेशनल आर्मी संग्रहालय का उद्घाटन करने के बाद प्रधानममंत्री ने कहा कि नेताजी ने भारत को आजाद करने और देशवासियों को गरिमा के साथ जीने के लिए अपना सर्वस्व त्याग दिया था। प्रधानमंत्री ने कहा कि हम एक मजबूत भारत के निर्माण के लिए उनके आदर्शों को पूरा करने के लिए समर्पित हैं। इन दीवारों से इतिहास की गूंज सुनाई देती है। मोदी ने संग्रहालय में करीब एक घंटे का समय बिताया। बताया जा रहा है कि आजाद हिंद फौज की स्थापना से लेकर उसके वीर सैनिकों पर चलाए जाने वाले मुकदमों तक की गाथा को दर्शाया गया है। नेताजी और उनकी आजाद हिंद फौज से जुड़े अफसरों की टोपी, कुर्सी, वर्दी बैज सहित कई दूसरी चीजों को भी दर्शक दे सकेंगे।