देहरादून । अनीता रावत
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान एम्स ऋषिकेश में रिसर्च मेथोडोलॉजी, बायोस्टैटिस्टिक्स एंड एविडेंस बेस्ड मेडिसिन विषय पर व्याख्यानमाला का आयोजन किया गया।
मुख्य वक्ता संस्थान के निदेशक पद्मश्री प्रो. रवि कांत ने साक्ष्य आधारित अनुसंधान पर विशेष जोर दिया। उन्होंने बीमार लोगों की हरसंभव मदद के लिए प्रत्येक छोटे -छोटे रिसर्च विषयों पर कार्य करने की आवश्यकता बताई। एम्स के मेडिकल एजुकेशन विभाग की ओर से आयोजित कार्यक्रम में निदेशक एम्स पद्मश्री प्रो.रवि कांत ने प्रतिभागियों से अपने रिसर्च कार्यों और अनुभवों को साझा किया। उन्होंने बताया कि किसी भी तरह के अनुसंधान के लिए खुले दिमाग से सोचना जरूरी है। एम्स निदेशक प्रोफेसर रवि कांत ने कहा कि हररोज नई -नई तकनीक व उपचार के नए तौर तरीके इजाद हो रहे हैं, ऐसे में साक्ष्य को जानना भी उतना ही जरूरी हो गया है। साथ ही उन्होंने साक्ष्यों को अपने कनिष्ठ व वरिष्ठ जनों से भी बांटने पर जोर दिया। निदेशक एम्स पद्मश्री प्रो.रवि कांत ने हर छोटे से छोटे रिसर्च आइडिया पर कार्य करने की नितांत आवश्यकता बताई। जिससे नई तकनीक व तौर तरीकों से बीमार लोगों की मदद की जा सके। इस अवसर पर मेडिकल एजुकेशन विभागाध्यक्ष प्रोफेसर शालिनी राव, डा.प्रतिमा गुप्ता, डा.रवि गुप्ता, डा.वैंकटेश पाई,डा.राजेश काथरोटिया आदि मौजूद थे।