मस्क के गिरते उपग्रह: पृथ्वी पर मंडरा रहा नया खतरा!

अंतरराष्ट्रीय

न्यूयॉर्क। अंतरिक्ष में वर्चस्व कायम करने की होड़ में अरबपति एलन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स तेजी से नए उपग्रह प्रक्षेपित कर रही है, लेकिन इनके असफल होने की दर भी खतरनाक रूप से बढ़ रही है। सिर्फ जनवरी 2024 में ही करीब 120 स्टारलिंक सैटेलाइट पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश कर चुके हैं। वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि यह घटना न केवल ओजोन परत को नुकसान पहुंचा सकती है बल्कि पृथ्वी के पर्यावरण और इंसानों के लिए भी जोखिम पैदा कर रही है।

हर दिन गिर रहे उपग्रह, वैज्ञानिकों की बढ़ी चिंता

हार्वर्ड-स्मिथसोनियन सेंटर फॉर एस्ट्रोफिजिक्स के खगोलशास्त्री जोनाथन मैकडॉवेल ने बताया कि हर दिन करीब 4-5 उपग्रह निष्क्रिय हो रहे हैं और वायुमंडल में जलकर राख बन रहे हैं। जनवरी में ही 120 से अधिक स्टारलिंक उपग्रह पृथ्वी के वायुमंडल में दाखिल हुए। 29 जनवरी को स्टारलिंक 5693 दक्षिणी विस्कॉन्सिन और मिशिगन में गिरा, जिसे शिकागो में कई लोगों ने जलती हुई आग के गोले की तरह देखा।

स्टारलिंक उपग्रहों का गिरना क्यों बढ़ रहा?

विशेषज्ञों का मानना है कि स्पेसएक्स अपनी पहली पीढ़ी (Gen-1) के 4700 से अधिक स्टारलिंक उपग्रहों को हटाकर नए मॉडल लाने की योजना बना रही है। इनमें से करीब 500 उपग्रह अपने अंतिम चरण में हैं। पिछले साल जुलाई 2023 में लॉन्च हुए 20 स्टारलिंक उपग्रह असफल हो गए थे, जिनमें से 10 को स्पेसएक्स ने नियंत्रित कर लिया, लेकिन बाकी पृथ्वी पर गिर गए।

ओजोन परत और मानव जीवन पर असर

शोधकर्ताओं के अनुसार, हर जेन-1 स्टारलिंक उपग्रह के विघटन से करीब 30 किलोग्राम एल्यूमीनियम ऑक्साइड उत्सर्जित होता है, जो ओजोन परत के क्षरण का प्रमुख कारण बन सकता है। 2016-2022 के बीच इस ऑक्साइड की मात्रा आठ गुना बढ़ गई है, जिससे वायुमंडलीय प्रदूषण को लेकर चिंता बढ़ गई है।
2023 के एक अध्ययन में पाया गया कि अलास्का में 60 हजार फीट की ऊंचाई पर एकत्रित 10% एरोसोल में जल चुके उपग्रहों से निकले एल्यूमीनियम और अन्य धातु कण मौजूद थे।

क्या इंसानों के लिए भी खतरा है?

विशेषज्ञों का मानना है कि इन उपग्रहों के टुकड़े पृथ्वी पर गिरते समय उड़ान मार्गों को बाधित कर सकते हैं और इंसानी बस्तियों में गिरने की संभावना भी बढ़ रही है। हाल ही में कई छोटे टुकड़े रिहायशी इलाकों में गिरे हैं, जिससे सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल उठने लगे हैं।

स्पेसएक्स की योजना और भविष्य की चुनौती

स्पेसएक्स हर साल सैकड़ों स्टारलिंक उपग्रह लॉन्च कर रहा है और पांच वर्षों के भीतर इन्हें अपग्रेड करने की योजना है। फिलहाल 7,000 से अधिक स्टारलिंक उपग्रह पृथ्वी की कक्षा में हैं, लेकिन वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि अगर यह गिरने की दर इसी तरह बढ़ती रही तो आने वाले वर्षों में 26% अंतरिक्ष मलबा पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश कर सकता है, जिससे हवाई यात्रा और पर्यावरण पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है।

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