हल्द्वानी। 38 वें राष्ट्रीय खेलों में उच्च शिक्षा विभाग के दो हजार स्वयंसेवी योगदान देंगे। राजकीय महिला महाविद्यालय की प्राचार्या प्रो. आभा शर्मा ने बताया कि कॉलेज में अबतक 600 से अधिक स्वयंसेवकों ने पंजीकरण कराया है।
इंदिरा प्रियदर्शिनी राजकीय स्नातकोत्तर महिला वाणिज्य महाविद्यालय में उत्तराखंड में आयोजित होने वाले 38 वें राष्ट्रीय खेलों के संदर्भ में संयुक्त निदेशक उच्च शिक्षा प्रो एएस उनियाल ने बैठक ली। उनियाल ने बताया कि इन खेलों में उच्च शिक्षा विभाग की प्रतिभागिता को देखते हुए दो हजार स्वयंसेवी अपना योगदान देंगे। उन्होंने कहा कि आज का युवा नशे के गिरफ्त में आ रहा है और युवाओं में खेल के प्रति रुचि उन्हें नशे से दूर रखने में सहायक होती है। ऐसे में युवाओं को चाहिए कि वे अपने अंदर खेलों के प्रति लगाव पैदा करते हुए किसी भी खेल का हिस्सा बने, क्योंकि आजकल प्रदेश में नौजवानो में नशे की लत में पड़ती जा रहा है, जो की आने वाले समय में बहुत ही घातक सिद्ध हो सकती है। यही नहीं इससे न जाने कितने घरों के चिराग बुझ रहे हैं तथा धीरे-धीरे यह नशा गांव-गांव में भी बढ़ता जा रहा है, जिसके लिए हम सभी को जागरूक रहना होगा।
इसी को देखते हुए युवाओं की प्रतिभागिता इन राष्ट्रीय खेलों में बढ़ाने के उद्देश्य से बैठक का आयोजन किया गया। उन्होंने कहा कि इस में प्रतिभागिता हेतु स्वयंसेवक की आयु 18 वर्ष से अधिक होनी चाहिए । प्रत्येक चयनित स्वयंसेवकों को मान्यता प्रमाण पत्र, राष्ट्रीय खेल किट और आयोजन के दौरान उनकी समर्पित सेवाओं के लिए दैनिक पारिश्रमिक का भुगतान किया जाएगा साथ ही आने-जाने हेतु परिवहन सुविधा भी दी जाएगी। इसके साथ ही संयुक्त निदेशक प्रो0 उनियाल ने छात्राओं को उच्च शिक्षा विभाग के अंतर्गत चलाए जा रही विभिन्न छात्रवृत्ति एवं अन्य योजनाओं के बारे में अवगत करवाया। प्राचार्य प्रो0 आभा शर्मा ने बताया कि उत्तराखंड में 28 जनवरी से 14 फरवरी 2025 तक 38वें राष्ट्रीय खेलों की मेजबानी का मौका मिला है जो हमारे लिए बड़े ही सौभाग्य की बात है। उन्होंने बताया कि इस बार 36 प्रतिस्पर्धाओं में योगासन को भी शामिल किया गया है। उन्होंने कहा कि महाविद्यालय में अध्ययन करने वाली सभी छात्राओं को पंजीकरण करने हेतु निर्देशित किया गया है जिसके फलस्वरूप लगभग छः सौ से अधिक पंजीकरण हो चुके हैं। इस अवसर पर महाविद्यालय के एनएसएस, एनसीसी, रेंजर सहित अन्य छात्राओं के साथ ही शिक्षक एवं शिक्षणेत्तर कर्मचारी उपस्थित रहे