पटना। राजेन्द्र तिवारी
चौकीदार को गाली देने की कॉम्पिटीशन चल रहा है, लेकिन आपका यह चौकीदार पूरी तरह से चौकन्ना है। सुरक्षा चाहे गरीब की हो या देश की। देश पर बुरी नजर करने वालों के सामने आपका यह चौकीदार और एनडीए गठबंधन दीवार बनकर खड़ा है। यह बात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को पटना के गांधी मैदान में एनडीए की रैली में कही।
मोदी ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि मेरी प्राथमिकता आतंकवाद को खत्म करना है और उनकी मुझे। मोदी उत्तरप्रदेश के अमेठी में भी रैली को संबोधित करेंगे। यहां वे असॉल्ट राइफल की नई यूनिट का लोकार्पण करेंगे। अमेठी में 29 साल बाद पहुंचने वाले वे पहले गैर कांग्रेसी और तीसरे प्रधानमंत्री होंगे।
मोदी ने कहा कि गरीब की कमाई खाकर जो (विपक्ष) अपनी कमाई चला रहे थे वे अब चौकीदार से परेशान हैं। इसलिए चौकीदार को गाली देने की कॉम्पिटीशन चल रहा है। आपका यह चौकीदार पूरी तरह से चौकन्ना है। देश की रक्षा-सुरक्षा, गरीब, वंचित, शोषित वर्ग के लिए जितने भी फैसले लिए जा रहे हैं वो डंके की चोट पर लिए जा रहे हैं। बीते 5 वर्ष में जितना गरीबों के जीवन में एनडीए सरकार ने बदलाव लाने का काम किया है वो अभूतपूर्व है। सरकार ने करीब 50 करोड़ गरीबों को 5 लाख तक के मुफ्त इलाज की सुविधा से जोड़ा। करीब 35 करोड़ लोगों के बैंक खाते खुलवाए। लगभग 7 करोड़ गरीब बहनों को रसोई गैस कनेक्शन दिया। 30 करोड़ मध्यमवर्ग के भाईयों को इनकम टैक्स से मुक्ति दे दी। डेढ़ करोड़ से अधिक लोगों को अटल पेंशन से जोड़ा है। सामान्य वर्ग के गरीबों को 10% आरक्षण भी एनडीए सरकार ने दिया है। यह बाकी वर्गों के आरक्षण को छेड़े बिना किया गया है।
मोदी ने कहा कि जरा याद कीजिए जब अटलजी प्रधानमंत्री थे तो उन्होंने एक से बढ़कर एक अनेक योजनाएं शुरू कीं। देश में नए हाईवे का निर्माण, गांवों तक सड़क का निर्माण, सर्व शिक्षा अभियान शुरू किया। लेकिन जब कांग्रेस और उनके साथी सरकार में आए तो सारी योजनाओं की रफ्तार धीमी कर दी गई। नीतीश जी इसके गवाह हैं। अटल सरकार में रेल मंत्री रहने के दौरान नीतीश जी ने बिहार के लिए कई योजनाएं बनाईं। लेकिन कांग्रेस ने उनके कामों की रफ्तार भी धीमी कर दी। अटलजी ने अपनी सरकार में पटना में गंगा पर बने दो पुलों का शिलान्यास कर दिया था। लेकिन कांग्रेस सरकार के दौरान उन पुलों का कुछ काम नहीं हुआ। हाल ही में मैंने उन पुलों का उद्घाटन किया।
मोदी ने कहा कि आतंक के खिलाफ लड़ रही है। वहीं कुछ लोग क्या क्या कर रहे हैं। वे सेना की आवाज बुलंद करने के बजाय ऐसी ऐसी बातें कर रहे हैं जिनसे दुश्मनों के चेहरे खिल रहे हैं। उनकी फोटो और चेहरे दिखाकर पाकिस्तान में भी तालियां बज रही हैं। आतंक की फैक्ट्रियां चलाने वालों के खिलाफ जब एक सुर में आवाज उठाने की बात चल रही थी। तब 21 पार्टियां दिल्ली में एनडीए के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पास करने के लिए जुटी थीं। उनके इस कृत्य को कोई भी बिहार वासी कभी माफ नहीं करेगा। क्या ऐसे समय पाकिस्तान खुश हो ऐसा पाप यहां करना चाहिए क्या? अब इन्हीं दलों के नेता हमारे वीर जवानों ने जो पराक्रम दिखाया, उस पर संदेह कर रहे हैं। उन्होंंने कहा कि पहले सर्जिकल स्ट्राइक का सबूत मांगा जा रहा था। अब एयर स्ट्राइक का भी सबूत मांग रहे हैं। मैं कांग्रेस और उनके साथी दलों से जानना चाहता हूं कि आखिर क्यों वे हमारे जवानों का मनोबल तोड़ने में लगे हैं। आखिर क्यों कांग्रेस के नेता ऐसे बयान दे रहे हैं जिससे विरोधियों को फायदा हो रहा है।
पटना में पहली बार प्रधानमंत्री के साथ 3 दलों के राष्ट्रीय अध्यक्ष मंच साझा किया। इनमें भाजपा अध्यक्ष अमित शाह, जदयू प्रमुख और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, लोजपा प्रमुख और केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान, उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष नित्यानंद राय, जदयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह, लोजपा के प्रदेश अध्यक्ष और मंत्री पशुपति कुमार पारस समेत अन्य 32 केंद्रीय मंत्री शामिल हुए। इससे पहले मोदी ने 27 अक्टूबर 2013 को गांधी मैदान में आयोजित हुंकार रैली में बिहार की जनता को संबोधित किया था। तब मोदी भाजपा की ओर से पीएम पद के प्रत्याशी थे।