पौड़ी। अनीता रावत
मकर संक्रांति के मौके पर हजारों श्रद्धालुओं ने मां गंगा में डुबकी लगाई। इस मौके पर लोगों ने दान कर पुण्य कमाया। मां गंगा से आशीर्वाद लिया।
गंगा तटों पर सुबह से ही श्रद्धालुओं की भीड़ जुटनी शुरू हो गई थी। श्रद्धालुओं ने गंगा तटों पर पहले स्नान किया। इसके बाद मां गंगा की आरती कर पर परिवार की समृद्धि के लिए कामना की। उसके बाद भगवान सूर्य की उपासना कर दान किया। तीर्थ नगरी में लक्ष्मण झूला, स्वर्ग आश्रम, मुनि की रेती आदि गंगा घाटों पर लोगों ने गंगा स्नान किया। ज्योतिषाचार्य का कहना है कि आश्रम में शास्त्र में जिन व्यक्तियों की कुंडली में सूर्य-शनि की युति हो, या सूर्य -शनि के शुभ फल प्राप्त नहीं हो पा रहे हों, उन व्यक्तियों को मकर संक्रांति का व्रत कर दान करने चाहिए। ऐसा करने से दोनों ग्रहों कि कृपा प्राप्त होती है। शास्त्रों में सूर्य को राज, सम्मान और पिता का कारक कहा गया है। सूर्य पुत्र शनि देव को न्याय और प्रज्ञा का प्रतीक माना गया है। इसके अलावा जिस व्यक्ति के संबंध अपने पिता या पुत्र से मधुर न चल रहे हों, उनके लिए भी इस दिन दान व्रत करना विशेष फलदाई रहता है।
ब्रह्ममुहूर्त से ही गंगा में डुबकी लगाने के लिए श्रद्धालुओं ने पितरों को तर्पण दिया। इस दौरान भिक्षुओं, गरीबों और ब्राह्मणों को अनाज, दाल और दक्षिणा आदि दान भेंट कर पुण्य कमाया।