वाशिंगटन । अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में जीत दर्ज कर चुके डोनाल्ड ट्रंप अपनी टीम का गठन करने में जुट गए हैं। इस कड़ी में उन्होंने भारत समर्थक माइक वॉल्टज को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) का जिम्मा सौंपा है। अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी।
माइक वॉल्टज अमेरिकी सीनेट में इंडिया कॉकस के प्रमुख हैं। इंडिया कॉकस मे कुल 40 सदस्य हैं। इसका गठन 2004 में किया गया था। यह सीनेट में सबसे बड़ा कॉकस है। इसका काम अमेरिका की नीतियों को भारत के पक्ष में प्रभावित करना होता है। माना जा रहा है कि माइक वॉल्टज एनएसए की भूमिका में भारत के साथ रक्षा क्षेत्र में सहयोग को और ज्यादा मजबूत करने का काम कर सकते हैं। माइक वॉल्ट्ज ने पिछले वर्ष प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अमेरिकी दौरे के दौरान कैपिटल हिल में उनके ऐतिहासिक भाषण की व्यवस्था कराने में अहम भूमिका निभाई थी। वह आर्मी नेशनल गार्ड के सेवानिवृत्त अधिकारी और पूर्व सैनिक रह चुके हैं। माइक वॉल्टज डोनाल्ड ट्रंप के कट्टर समर्थक रहे हैं। उन्हें चीन के प्रति कठोर रुख रखने वाला माना जाता है। उन्होंने ही कोविड-19 की उत्पत्ति और चीन में मुस्लिम उइगर आबादी के उत्पीड़न के कारण बीजिंग में 2022 में हुए शीतकालीन ओलंपिक का अमेरिका द्वारा बहिष्कार करने का आह्वान किया था। माइक वॉल्टज को ऐसे वक्त में एनएसए का पद दिया जा रहा है, जब दुनियाभर में कई संकट एक साथ चल रहे हैं। इनमें रूस-यूक्रेन युद्ध के अलावा इजरायल, ईरान, हमास व हिजबुल्ला के बीच संघर्ष शामिल हैं। वहीं
सुसी विल्स को व्हाइट हाउस की चीफ ऑफ स्टाफ बनाया गया है। सुसी विल्स ने डोनाल्ड ट्रंप के चुनावी अभियान में अहम भूमिका निभाई। वह अमेरिकी इतिहास में पहली महिला चीफ-ऑफ-स्टाफ होंगी। फ्लोरिडा में रहने वाली 67 वर्षीय सुसी विल्स का राजनीतिक जीवन लंबा रहा है पर वह ज्यादा सुर्खियों में नहीं रहती। ट्रंप ने उन्हें अपने सफल राष्ट्रपति चुनावी अभियान का श्रेय दिया है। मार्को रुबियो को विदेश मंत्री और एलिस स्टेफनिक को संयुक्त राष्ट्र में अमेरिकी राजदूत बनाया गया है। ट्रंप ने मार्को रुबियो को देश के अगले विदेश मंत्री के तौर पर चुना है। रुबियो को चीन विरोधी रुख के लिए जाना जाता है। रुबियो कहते रहे हैं कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र में अशांति फैलाने में चीन की बड़ी भूमिका है। वह सीनेट में कई बार चीन की कम्युनिस्ट पार्टी पर मानवाधिकारों के हनन और दक्षिण चीन सागर में उनके आक्रामक रुख की आलोचना कर चुके हैं। डोनाल्ड ट्रंप ने अपनी सहयोगी एलिस स्टेफनिक को संयुक्त राष्ट्र में अमेरिकी राजदूत के रूप में भेजने की पेशकश की है। स्टेफनिक ने राष्ट्रपति चुनाव में एक अहम सहयोगी के रूप में भूमिका निभाई है। एक इंटरव्यू के दौरान स्टेफनिक ने बताया था कि 9/11 के आतंकी हमले के बाद उन्होंने राजनीति में आने का फैसला किया था।