नई दिल्ली | नीलू सिंह
भारत ने ब्रिटिश नागरिक क्रिश्चियन मिशेल को अंतरराष्ट्रीय नियमों के तहत राजनयिक पहुंच मुहैया कराई है। उसे 3600 करोड़ रुपये के अगुस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर सौदा घोटाले के सिलसिले में पिछले महीने संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) से भारत लया गया था।
मिशेल को दिसंबर के प्रथम सप्ताह में गिरफ्तार किया गया था। उसके बाद ब्रिटिश उच्चायोग ने उसे राजनयिक पहुंच दिलाने की मांग की थी। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा, मिशेल को राजनयिक पहुंच मुहैया कराई गई है। समझा जाता है कि मिशेल को गुरुवार को राजनयिक पहुंच मुहैया कराई गई।
मिशेल उन तीन बिचौलियों में शामिल है, जिनसे सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय इस मामले में पूछताछ कर रहे हैं। गुइदो हेश्के और कार्लो गेरोसा ने आरोपों से इनकार किया है। तनावपूर्ण संबंधों में सुधार के मकसद से पाकिस्तान की ओर से बातचीत के लिए कहने के बारे में पूछे जाने पर कुमार ने आरोप लगाया कि पाकिस्तान आतंकी संगठनों को मुख्यधारा में लाने की कोशिश कर रहा है। उन्होंने कहा कि वार्ता पर उसके बयान में कोई गंभीरता नहीं है। भारत का कहना रहा है कि बातचीत और आतंकवाद साथ में नहीं चल सकते। गौरतलब है कि मिशेल को हेलीकॉप्टर सौदे के मामले में यूएई से प्रत्यर्पित कराए जाने के बाद भारत लाया गया था। फिलहाल वह तिहाड़ जेल में बंद है।
वर्ष 1963 में हुए वियेना समझौते की धारा 36 के अगर किसी व्यक्ति की दूसरे देश में गिरफ्तारी होती है, तो उस स्थिति में व्यक्ति जिस देश का नागरिक है, उसके राजनयिकों से मिलने की इजाजत दी जाती है। इसका मकसद संबंधित देश द्वारा अपने नागरिक को कानूनी मदद सहित मानवीय मदद मुहैया कराना होता है।