नई दिल्ली। दुनिया के कई हिस्सों में कम होती जनसंख्या एक नई समस्या बनकर सामने आ रही है। इनमें यूरोप और जापान जैसे देश शामिल हैं। अब भारत का नाम भी इस सूची में दर्ज हो सकता है। दरअसल, देश के कई राज्यों की आबादी तेजी से बूढ़ी हो रही, विशेषकर दक्षिणी हिस्से में। यह चौंकाने वाली बात संयुक्त राष्ट्र की हालिया रिपोर्ट में सामने आई। भारत में उत्तर प्रदेश सबसे अधिक आबादी वाला राज्य है। वहीं सिक्किम की आबादी सबसे कम है।
इंडिया एजिंग नामक इस रिपोर्ट के अनुसार, 145 करोड़ की आबादी वाले देश के कई हिस्सों में अब अधिक बच्चों की चाहत है। बुजुर्ग होती आबादी की समस्या से जूझ रहे भारतीय राज्यों में तेलंगाना,कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु आदि राज्यों के नाम शामिल है। यहां वृद्धों की संख्या बढ़ रही है और युवाओं की संख्या घट रही है। 2021 में दुनिया भर में 12.9 करोड़ बच्चों का जन्म हुआ। अध्ययन के मुताबिक 1950 में 9.3 करोड़ और 2016 में सबसे ज्यादा 14.2 करोड़ बच्चों का जन्म हुआ। भारत में, 1950 1.6 करोड़ से अधिक और और 2021 में 2.2 करोड़ से ज्यादा बच्चों का जन्म हुआ। 2050 में यह संख्या घटकर 1.3 करोड़ होने का अनुमान है। भारत की प्रजनन दर 1950 में लगभग 6.2 थी जो 2021 में घटकर दो से कम हो गई है। वर्ष 2050 में इसके घटकर 1.29 होने का अनुमान है। दक्षिण के दो राज्यों- आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु ने हाल में ही अधिक बच्चों की वकालत की है। 29 राज्य व केंद्रशासित प्रदेशों में से 17 में प्रति महिला जन्मदर दो की जगह एक हो गई। ‘ग्लोबल बर्डन ऑफ डिजीज (जीबीडी) 2021 फर्टिलिटी एंड फोरकास्टिंग कोलैबोरेटर्स’ के शोधकर्ताओं ने कहा कि दुनिया का अधिकांश हिस्सा कम प्रजनन दर संबंधी चुनौतियों से जूझ रहा है। जन्मदर में भारी कमी के बाद भारत के कुछ हिस्सों में परिवार नियोजन की गाथा नए सिरे से लिखी जाने लगी है। यहां दंपत्तियों को अधिक बच्चों के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है।