वाराणसी। आशीष राय
मैनपुरी लोकसभा उपचुनाव में मुलायम सिंह यादव की बहू और पूर्व मुख्यमंत्री आखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव ने रिकार्ड जीत हासिल की है। इस जीत की खुशी मौनपुरी से बनारस तक दिखी। बनारस के सपाइयों ने जीत पर खुशी जताते हुए कहा, बहू डिंपल को जीताकर मौनपुरी ने नेताजी को सच्ची श्रद्धांजलि दी है।
मैनपुरी लोकसभा सीट सपा की गढ़ मानी जाती रही है। वर्ष 1996 से यह सीट सपा के पास रही है। दो बार बलराम यादव और पांच बार मुलायम सिंह यादव चुनाव जीत चुके हैं। मुलायम सिंह के निधन के बाद मैनपुरी ने लोकसभा उपचुनाव में मुलायम सिंह यादव की विरासत डिंपल यादव को सौंप दी है। भाजपा उम्मीदवार राघुराज सिंह शाक्य को डिंपल ने 2,88,461 वोटों से हरा दिया। बताया जा रहा है कि 1996 के चुनाव में मुलायम ने भाजपा के प्रेम सिंह शाक्य को 94,389 वोटों से हराया था, जबकि डिंपल यादव ने दो लाख से अधिक मतों से भाजपा उम्मीदवार को उपचुनाव में मात दी है। डिंपल यादव की जीत पर वाराणसी में कई स्थानों पर सपा जनों ने मिठाइयां बांटकर खुशी का इजहार किया। वहीं रामपुर विधानसभा उपचुनाव आजम खां के लिए प्रतिष्ठा का सवाल बना हुआ था। उपचुनाव में उनके कहने पर आसिम राजा को टिकट दिया गया। आजम खां ने प्रचार की कमान खुद संभाल रखी थी। बावजूद भाजपा ने रामपुर विधानसभा उपचुनाव में आजम खां के गढ़ में उन्हें पटखनी दी। भाजपा ने आजम के खिलाफ मोर्चा खोलने वाले आकाश सक्सेना को मैदान में उतारा। यहां से आकाश सक्सेना ने 34,136 वोटों से सपा उम्मीदवार आसिम राजा को परास्त कर पहली बार रामपुर में भाजपा का परचम लहराया। खतौली में रालोद के मदन भैया ने 22,143 वोट से जीत दर्ज की। उन्होंने भाजपा की राजकुमारी सैनी को हराया। गौरतलब है कि आजम खां यहां से नौ बार विधानसभा का चुनाव जीत चुके थे। उन्होंने वर्ष 2022 के चुनाव में आकाश सक्सेना को 55141 वोटों से हराया था। उधर, खतौली विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में रालोद को यह तीसरी बार जीत मिली है। इसके पहले वर्ष 2002 और 2012 में रालोद जीत चुकी है। वर्ष 2022 के चुनाव में रालोद 16345 वोटों से यहां हार गई थी। भाजपा के विक्रम सिंह सैनी चुनाव जीते थे।