बेरुत।
ईंधन (गैस ऑयल) की कमी से लेबनान शनिवार को अंधेरे में डूबा रहा। दो प्रमुख बिजली घरों में उत्पादन ठप पड़ने से देश को संपूर्ण ब्लैकआउट का सामना करना पड़ा। हालांकि, रविवार को सेना के गैस ऑयल की आपूर्ति करने से बिजली उत्पादन एक बार फिर बहाल हो गया। अक्तूबर में लेबनान को दूसरी बार संपूर्ण ब्लैकआउट झेलना पड़ा है। ऊर्जा मंत्रालय का कहना है कि बिजली संकट से बाहर निकलने के लिए हर संभव उपाय किया जा रहा है। शनिवार शाम विदेश से गैस ऑयल की एक खेप आई है। इसे बिजली संयंत्रों तक पहुंचाने की प्रक्रिया सोमवार से शुरू हो जाएगी।
बिजली निगम ‘इलेक्ट्रिसाइट डू लिबान’ के मुताबिक लेबनान 1850 के दशक के बाद के सबसे बड़े आर्थिक संकट से जूझ रहा है। हाल के महीनों में बिजली संयंत्रों के लिए पर्याप्त मात्रा में गैस ऑयल का आयात करना उसके लिए काफी चुनौतीपूर्ण बन गया है। अधिकारियों के मुताबिक ज्यादातर इलाकों में दिनभर में औसतन एक घंटे की बिजली आपूर्ति हो रही है। निजी स्तर पर संचालित जनरेटरों के लिए भी पर्याप्त डीजल का इंतजाम नहीं हो पा रहा है। ऐसे में लोगों के पास अंधेरे में रहने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है। ‘इलेक्ट्रिसाइट डू लिबान’ ने एक बयान जारी कर बताया कि ईंधन भंडार खाली हो जाने के कारण देर अम्मार और अल जहरानी प्लांट में बिजली उत्पादन शुक्रवार दोपहर बंद हो गया था। इसके चलते शनिवार को मुल्क में बिजली आपूर्ति रुक गई थी। हालांकि, सेना के मदद को आगे आने से दोनों संयंत्रों में रविवार को उत्पादन दोबारा शुरू हो गया। बताया जा रहा है कि लेबनान की सेना ने रविवार को 6000 लीटर गैस ऑयल उपलब्ध है, जो दोनों संयंत्रों में बराबर बांट दिया गया। इससे तीन दिन के इस्तेमाल लायक बिजली पैदा करना मुमकिन होगा। वहीं लेबनान ने गृहयुद्ध से प्रभावित सीरिया के रास्ते बिजली की सप्लाई के लिए जॉर्डन, जबकि गैस ऑयल की आपूर्ति के वास्ते मिस्र के साथ करार किया। इराक चिकित्सा आपूर्ति के बदले ईंधन देगा।