लखनऊ। सीमा तिवारी
साक्षर भारत मिशन के तहत देश के सारे राज्यों में संविदा पर तैनात साक्षरता प्रेरक और समन्वयक अपनी मांगों को लेकर सड़क पर उतर गए हैं। जिला मुख्यालयों पर प्रदर्शन कई दिनों से धरना प्रदर्शन करने के बाद अब साक्षरता प्रेरक और समन्वयकों ने दिल्ली का रुख किया है। सोमवार को राष्ट्रीय साक्षरता कर्मी महासंघ के बैनर तले देश भर से आए साक्षरता प्रेरकों और समन्वय को ने दिल्ली के जंतर मंतर पर जमकर प्रदर्शन किया।
मिली जानकारी के अनुसार सभी राज्यों मी साक्षर भारत मिशन के तहत प्रेरकों और समन्वयक की संविदा पर नियुक्ति की गई थी। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय के दिशा निर्देश के बाद राज्य सरकारों ने उनका चयन किया था। राष्ट्रीय साक्षरता कर्मी महासंघ उत्तर प्रदेश अध्यक्ष विजय कुमार सिंह ने बताया कि 2009 में ग्राम पंचायत स्तर पर साक्षरता प्रेरक और ब्लॉक स्तर पर समन्वयक की नियुक्ति की गई थी। इसके लिए चयनित प्रेरकों और समन्वय को को एक निश्चित मानदेय मिलता था। लेकिन केंद्र सरकार से बजट नहीं मिलने के कारण समन्वयक और प्रेरकों का मानदेय 30 महीने से बकाया है।
वही 31 मार्च 2018 से प्रेरक और समन्वयक बेरोजगार हो गए, क्योंकि केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय साक्षरता मिशन की अवधि नहीं बढ़ाई। ऐसे में साक्षरता प्रेरकों और समन्वयकों के सामने भुखमरी की स्थिति पैदा हो गई है। उन्होंने बताया कि साक्षरता प्रेरकों और समर्थकों ने अपनी दो मांगों को लेकर कई दिनों से जिला मुख्यालयों में धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। लेकिन ना तो राज्य सरकार और ना ही केंद्र सरकार इस ओर ध्यान दे रही है। ऐसे में महासंघ के बैनर तले अब दिल्ली में समन्वयक और प्रेरक प्रदर्शन करने पहुंचे हैं। उन्होंने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि साक्षरता प्रेरकों और समन्वयकों की मांग नहीं मानी गई तो कोई बड़ा आंदोलन करने से भी पीछे नहीं हटेंगे। उन्होंने कहा कि साक्षरता प्रेरक और समन्वयक बकाया मानदेय और साक्षर भारत मिशन की अवधि बढ़ाने की मांग कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि सोमवार को देश भर से आए प्रेरक और समन्वयको ने दिल्ली के जंतर मंतर पर धरना प्रदर्शन किया। साथ ही मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर को ज्ञापन भी भेजा है। इस मौके पर काफी संख्या में प्रेरक और समन्वयक मौजूद थे।