न्यूयॉर्क। दुनिया की 40 फीसदी भूमि बंजर हो चुकी है। तीन दशकों में भारत से लगभग एक तिहाई बड़ा भूमि क्षेत्र शुष्क हुआ है, जहां खेती नहीं हो सकती। संयुक्त राष्ट्र की साइंस पॉलिसी इंटरफेस रिपोर्ट में यह जानकारी सामने आई है। रिपोर्ट के मुताबिक, शुष्क भूमि अब पृथ्वी पर सभी भूमि का 40 फीसदी हिस्सा बनाती है। पिछले 30 वर्षों में दुनिया की तीन-चौथाई भूमि को शुष्क परिस्थितियों का सामना करना पड़ा है, जो स्थायी होने की संभावना है। इसमें अंटार्कटिका को शामिल नहीं किया गया है। रिपोर्ट में पाया गया कि 1990 और 2015 के बीच बढ़ती शुष्कता के कारण अफ्रीका को अपने सकल घरेलू उत्पाद का लगभग 12 फीसदी नुकसान हुआ। अनुमान है कि अगले पांच वर्षों अफ्रीका को अपने सकल घरेलू उत्पाद का लगभग 16 फीसदी और एशिया को लगभग सात फीसदी का नुकसान होगा। मरुस्थल में तब्दील होती जमीन कोलेकर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन के कार्यकारी सचिव इब्राहिम थियाव ने इस पर चिंता जताई। उन्होंने कहा, दुनिया सूखे के अलावा कम बारिश का भी सामना कर रही है। जलवायु परिवर्तन और भीषण गर्मी जमीन को हमेशा के लिए बंजर कर सकती है। इस कारण वर्ष 2050 तक खेती बुरी तरह प्रभावित हो सकती है।