देहरादून। अनीता रावत
साल भर बाद कार्तिक पूर्णिमा पर्व पर लाखों श्रद्धालुओं ने बगैर किसी बंदिश के हरकी पैड़ी समेत अन्य गंगा घाटों पर स्नान किया। शुक्रवार को हरिद्वार सहित गंगा और अन्य घाटों में श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ा पड़ा। स्नान के बाद देव दर्शन कर दान पुण्य आदि कर्म भी किए। भारी भीड़ के कारण हाईवे पर वाहनों का इतना दवाब बढ़ गया था कि सुबह से ही हाईवे में जाम की स्थिति बनी रही। अपर रोड बाजार, मोती बाजार, मनसा देवी बाजार में श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ा हुआ था। जिससे व्यापारियों के चेहरे खुश नजर आए। भीड़ बढ़ने पर कई बार मनसा देवी उड़न खटोले को भी रोकना पड़ा। इस दौरान उड़न खटोला केवल ऊपर से श्रद्धालुओं को नीचे लाने का काम करता रहा। श्रद्धालुओं की भीड़ के कारण शहर के सभी पार्किंग स्थल वाहनों से खचाखच भर गए थे। मजबूरी में श्रद्धालुओं को अपने वाहन शहर के अंदर सड़कों के किनारे खड़े करने पड़े। एसएसपी डॉ. योगेंद्र सिंह रावत ने बताया कि शाम छह बजे तक करीब चौदह लाख श्रद्धालुओं ने विभिन्न गंगाघाटों पर डुबकी लगाई।
उधर, गुरुनानक देव का प्रकाशोत्सव होने के कारण गुरुद्वारों में कीर्तन दरबार सजे और लंगर बरताए गए। ज्ञानी रागी जत्थों ने शबद कीर्तन कर श्रद्धालुओं को निहाल कर दिया। कार्तिक पूर्णिमा के स्थान के बाद दान का भी महत्व है। आस्था है कि इस दिन दीपदान और पिंडदान करने से कई पीढ़ी तक जीवन सुधर जाता है। श्रद्धालुओं ने गंगा स्नान के साथ ही सूर्य देवी की उपासना की। साथ ही दान देकर पुष्ण भी अर्जित किया। हरिद्वार में एक ओर जहां गंगा तट गंगा मैया के जयघोषों से गुंजायमान रहे, वहीं मठ-मंदिरों में घंटे-घड़ियाल बजते रहे। रात भर बाहरी राज्यों से गाड़िया श्रद्धालुओं को लेकर हरिद्वारा आती रही। कार्तिक पूर्णिमा का स्नान तड़के शुरू हो गया था। दिन चढ़ने के साथ गंगा के घाटों पर स्नान करने वालों की भीड़ भी बढ़ती चली गई। हरकी पैड़ी के साथ ही अन्य घाटों पर भी श्रद्धालु स्नान व पूजा पाठ करते दिखे। हरकी पैड़ी जाने वाले सभी मार्गों पर जगह जगह बैरीकेटिंग कर सुरक्षा व्यवस्था मजबूत दिखी। कोरोना काल के बाद पहली बार श्रद्धालुओं ने बगैर किसी बंदिश के गंगा स्नान किया। हरिद्वार के एसएसपी डॉ योगेंद्र सिंह रावत ने कहा कि स्नान पर्व पर पर्याप्त संख्या में पुलिस बल लगाया गया है।