वाराणसी। पी.एम. श्री केंद्रीय विद्यालय 39 जीटीसी में दादा-दादी, नाना-नानी सम्मान समारोह हर्षोल्लास और भव्यता के साथ मनाया गया। इस अवसर पर विद्यालय ने बुजुर्गों के प्रति सम्मान और स्नेह व्यक्त करते हुए विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया, जिससे विद्यार्थियों और उनके परिवारों में पारिवारिक मूल्यों की महत्ता को और अधिक सुदृढ़ किया जा सके।
समारोह की शुरुआत दादा-दादी, नाना-नानी का पारंपरिक स्वागत कर की गई, जहां विद्यार्थियों ने अपने प्रियजनों को पुष्प और कार्ड भेंट कर सम्मानित किया। इसके पश्चात प्राचार्य डॉ. चंद्र भूषण प्रकाश वर्मा, उप प्राचार्य अभिषेक त्रिपाठी एवं मुख्याध्यापिका श्रीमती शालिनी मिश्रा ने बुजुर्गों संग मां सरस्वती की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर कार्यक्रम का विधिवत शुभारंभ किया। प्राचार्य डॉ. चंद्र भूषण प्रकाश वर्मा ने अपने संबोधन में कहा, “बच्चे जहां अपने दादा-दादी और नाना-नानी से अनुशासन, कर्तव्यपरायणता और जीवन मूल्य सीखते हैं, वहीं बुजुर्ग भी उनके साथ अपने बचपन की यादें ताजा करते हैं। ऐसे आयोजनों से पीढ़ियों के बीच आत्मीयता और प्रेम बढ़ता है।
कार्यक्रम में मंच संचालन नीरज राय द्वारा किया गया। विद्यार्थियों ने रंगारंग प्रस्तुतियां दीं, जिसमें पहली एवं दूसरी कक्षा के नन्हे-मुन्ने बच्चों ने स्वागत नृत्य प्रस्तुत किया।
चौथी और पाँचवीं कक्षा के विद्यार्थियों ने सांस्कृतिक नृत्य प्रस्तुत कर समारोह में रंग भर दिया। बुजुर्ग इन प्रस्तुतियों को देखकर भाव-विभोर हो गए और विद्यार्थियों के उत्साह और प्रेम को देखकर उनके चेहरे खिल उठे। समारोह को और यादगार बनाने के लिए खेल प्रतियोगिता आयोजित की गई, जिसमें बुजुर्गों ने पूरे उत्साह के साथ भाग लिया। महिला वर्ग (दादी-नानी) में विमला देवी प्रथम एवं लक्ष्मी गुप्ता द्वितीय स्थान पर रहीं। पुरुष वर्ग (दादा-नाना) में मोतीलाल यादव ने प्रथम स्थान प्राप्त किया। इसके बाद लक्ष्मी गुप्ता, सरला गुप्ता, मोतीलाल यादव एवं श्री विजय बहादुर सिंह ने अपने अनुभव साझा किए, जिसमें उन्होंने विद्यालय और इस कार्यक्रम के प्रति आभार प्रकट किया।
स्नेह और स्मृतियों से भरा अनमोल पल
कार्यक्रम के अंत में बुजुर्गों और बच्चों के लिए विशेष सेल्फी पॉइंट बनाया गया, जहां सभी ने अपनों के साथ तस्वीरें खिंचवाकर इस क्षण को यादगार बनाया। अंत में मुख्याध्यापिका श्रीमती शालिनी मिश्रा ने सभी अतिथियों, विद्यार्थियों और शिक्षकों का धन्यवाद ज्ञापित किया और इस आयोजन को सफल बनाने के लिए सभी को बधाई दी।
पूरे परिवार को जोड़ा
वक्ताओं ने कहा कि यह🎊 एक ऐसा दिन, जिसने बुजुर्गों को सम्मान दिया, बच्चों को संस्कार सिखाए और पूरे परिवार को जोड़ दिया। बताया गया कि ऐसे समारोह से बच्चों में पारिवारिक मूल्यों की स्थापना होती है। उन्हें अपने दादा-दादी, नाना-नानी के प्रति आदर और प्रेम का महत्व समझ आया। ✅ पीढ़ियों के बीच बढ़ा आत्मीयता का भाव पैदा होते हैँ। बुजुर्गों और बच्चों के बीच संवाद और स्नेह का सेतु मजबूत हुआ। ✅ बुजुर्गों में उल्लास और सक्रियता बनी रहती है। उनके लिए यह दिन उत्साह और उमंग से भरा रहा, जिससे उन्हें नई ऊर्जा मिली। ✅ समाज में संस्कार और परंपराओं को प्रोत्साहन मिलता है। इस आयोजन ने परिवार को जोड़ने की भारतीय संस्कृति को सुदृढ़ किया।
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